गंजबासौदा। रिंग रोड का निर्माण अभी अधूरा है, लेकिन भूमाफिया ने कब्जा शुरू कर दिया है। बरीघाट-बेतवा मार्ग पर आईटीआई कॉलेज के आगे जहां मुरम बेस का काम चल रहा है, वहां सड़क के दोनों ओर सरकारी जमीन पर टपरे और पत्थर के चीरे डाल दिए गए हैं। कुछ लोगों ने झोपड़ीनुमा टपरे बनाकर कब्जा कर लिया है। कुछ ने पक्के निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है। यह जमीन चौरावर पठार क्षेत्र की है, जो पूरी तरह सरकारी है। जैसे ही सड़क निर्माण शुरू हुआ, भूमाफिया मौके पर पहुंच गया। सूत्रों के मुताबिक, भूमाफिया पहले से इस इलाके पर नजर रखे था। निर्माण की हलचल शुरू होते ही कब्जा करने लगे। प्रशासन की चुप्पी से अतिक्रमणकारियों के हौसले बढ़ गए हैं। जहां से शहर के विकास की राह खुलनी थी, वहां अब कब्जे की दीवारें खड़ी हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि अभी सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो भूमाफिया इस सरकारी जमीन को स्थायी ठिकानों में बदल देगा।
लोगों ने चेताया कि सड़क किनारे हो रहे कब्जे भविष्य में यातायात के के लिए बड़ी समस्या बनेंगे। रिंग रोड विस्तार या मरम्मत के समय भारी दिक्कतें आएंगी। प्रशासन की अनदेखी से यह इलाका अतिक्रमण का नया गढ़ बन सकता है।
150 किसानों की भूमि अधिग्रहित, मुआवजा प्रक्रिया जारी
रिंग रोड के दूसरे चरण में आने वाली 23 किलोमीटर भूमि में करीब 150 खातेदारों की जमीन अधिग्रहित की गई है। इनमें से कई खातों में 8 से 10 हिस्सेदार हैं, जिनकी हिस्सेदारी और मुआवजा राशि तय करने की प्रक्रिया राजस्व विभाग में जारी है। जिन क्षेत्रों में सरकारी भूमि उपलब्ध है, वहां कार्य चल रहा है, लेकिन अधिकांश प्रभावित किसानों ने मुआवजा मिलने से पहले अपनी भूमि का कब्जा नहीं छोड़ा है।
रिंग रोड का अधूरा निर्माण और अधूरी स्वीकृति
लोनिवि द्वारा शासन को भेजे गए प्रारंभिक प्रस्ताव में रिंग रोड की लंबाई 28 किलोमीटर रखी गई थी, लेकिन तीन वर्ष पहले केवल 7 किलोमीटर हिस्से को ही बजट में शामिल किया गया। उस समय करीब 7 करोड़ रुपए का बजट आवंटित हुआ था। संसाधन कम पड़ने और स्वीकृति अधूरी रहने के कारण विभाग ने सप्लीमेंट्री प्रस्ताव भेजा। बाद में शासन ने दूसरे चरण में करीब 23 किलोमीटर लंबे रिंग रोड निर्माण को मंजूरी दी और इस भाग का काम शुरू कर दिया गया। पहले चरण की स्वीकृति अब भी लंबित है।
शहर का पुराना पैटर्न: सड़क बनते ही कब्जे शुरू
गंजबासौदा में यह पहला मौका नहीं है जब सरकारी निर्माण के साथ अतिक्रमण बढ़ा हो। नया बस स्टैंड, पुराना बस स्टैंड, त्योंदा रोड से कालाबाग तक बन रही स्मार्ट सिटी योजना की सड़क इसका ताजा उदाहरण हैं। वहां भी प्रशासनिक चुप्पी के चलते अतिक्रमणों ने जड़ें जमा लीं और प्रोजेक्ट अधर में लटक गए। अब वहीं हालात रिंग रोड के निर्माण में भी नजर आ रहे हैं।
जांच कर करेंगे कार्रवाई
रिंग रोड किनारे सरकारी भूमि पर हो रहे अतिक्रमण की जानकारी मिली है। तहसीलदार को निर्देश दिए जा रहे हैं कि तत्काल जांच कर कार्रवाई करेंगे। अवैध कब्जे हटाए जाएंगे।
संतोष बिटौलिया, एसडीएम, गंजबासौदा।