मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में सोमवार रात एक मामूली विवाद ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया। जुगवारी और केलमनीया गांवों के बीच हिंसक झड़प में 10 से अधिक लोग घायल। एसपी और कलेक्टर ने मौके पर पहुंचकर संभाला मोर्चा।
By: Ajay Tiwari
Oct 23, 20254 hours ago
शहडोल, स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में सोमवार की रात उस समय कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया, जब दो अलग-अलग समुदायों के गांवों - जुगवारी और केलमनीया के लोगों के बीच एक मामूली विवाद ने हिंसक झड़प का रूप ले लिया। यह घटना इतनी विकराल हो गई कि पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल व्याप्त हो गया और प्रशासनिक अमले को तुरंत सक्रिय होना पड़ा।
यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई। जानकारी के अनुसार, ग्राम जुगवारी के मुस्लिम समुदाय के कुछ निवासी एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए केलमनीया के ऊपर स्थित पहाड़ी गांव की ओर गए थे। कार्यक्रम से देर शाम लौटते समय, रास्ते में जुगवारी के लोगों का केलमनीया गांव के कुछ निवासियों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया।
शुरुआत में यह बहसबाजी थी, लेकिन जल्द ही इसने मारपीट और पथराव का रूप ले लिया। दोनों पक्षों के बीच हुई इस हिंसक झड़प में लगभग 10 से अधिक महिलाएँ और पुरुष गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया
घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराने के बाद स्थिति शांत होने की बजाय और बिगड़ गई। घायल पक्ष के लोग अस्पताल परिसर में ही उग्र हो गए। उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर मामले में पक्षपात करने और आरोपियों पर ढिलाई बरतने का गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। उनकी मुख्य मांग थी कि केलमनीया पक्ष के मारपीट करने वाले आरोपियों पर तत्काल और कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
स्थिति की गंभीरता और संभावित साम्प्रदायिक तनाव को देखते हुए, प्रशासन ने फौरन जुगवारी और केलमनीया दोनों गांवों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और गहन जांच शुरू कर दी है।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और कलेक्टर को देर रात स्वयं सड़क पर उतरना पड़ा। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल घटनास्थल और अस्पताल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
एसपी और कलेक्टर ने स्थानीय निवासियों और दोनों पक्षों के लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। उन्होंने सख्त चेतावनी दी कि कानून तोड़ने वालों और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
देर रात तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा, लेकिन पुलिस और प्रशासन की त्वरित सक्रियता और अतिरिक्त बल की तैनाती के कारण स्थिति को नियंत्रण में रखा गया। इस घटना ने एक बार फिर शहडोल जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द और कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंताजनक सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन अब यह सुनिश्चित करने के लिए कमर कस चुका है कि इलाके में किसी भी तरह की अप्रिय घटना की पुनरावृत्ति न हो।