ग्राम पंचायत वर्धा की लापरवाही से बिगड़े हालात : ग्रामीण बोले,जीना हो गया मुश्किल
By: Gulab rohit
Nov 11, 202511:23 PM
सिलवानी। सिलवानी तहसील की ग्राम पंचायत वर्धा के अंतर्गत आने वाला ग्राम बूढ़ा इन दिनों गंदगी और अव्यवस्था की चपेट में है। गाँव की गलियाँ कचरे और कीचड़ से पट चुकी हैं, सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है और मच्छरों की भरमार से संक्रामक बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ग्राम पंचायत की लापरवाही और कुप्रबंधन के कारण ग्रामीणों का जीवन नरकीय परिस्थितियों में बदल गया है। जिन गलियों में बच्चों की किलकारियाँ गूंजनी चाहिए थीं, वहाँ अब दुर्गंध और मच्छरों का आतंक पसरा है।
सड़कों पर गंदे पानी का सागर, गलियाँ बनीं दलदल
ग्राम बूढ़ा में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। गाँव के अधिकांश हिस्सों में नालियों का निर्माण नहीं हुआ है। जहाँ नालियाँ हैं भी, वहाँ महीनों से सफाई नहीं की गई, जिससे गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर फैल गया है। सड़कों का हाल इतना खराब है कि बारिश के बाद पूरा गाँव दलदल में तब्दील हो चुका है। ग्रामीणों को घर से निकलने में परेशानी हो रही हैं। गंदे पानी में मच्छरों और मक्खियों का अंबार लग चुका है। ग्रामीणो ने कहा कि हमारे घरों के सामने पानी भरा रहता है। बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो गया है। कई बार शिकायत की, पर कोई सुनने वाला नहीं।
मलेरिया, डेंगू और त्वचा रोगों का बढ़ा खतरा
गंदगी और जलभराव के कारण गाँव में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। ग्राम बूढ़ा के ग्रामीणों का कहना है कि गाँव में न कोई नियमित सफाईकर्मी आता है, न फॉगिंग मशीन। शाम के समय गलियों में घूमना मुश्किल हो जाता है क्योंकि मच्छरों का झुंड लोगों पर टूट पड़ता है। बच्चों और बुजुर्गों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। कई ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत को कई बार आवेदन देकर नालियाँ और पक्की सड़कें बनवाने की मांग की गई, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। आज भी गाँव की मुख्य गलियाँ कच्ची और ऊबड़- खाबड़ हैं।
पंचायत की नाकामी और जिम्मेदारों की चुप्पी
ग्राम बूढ़ा के लोग पंचायत प्रशासन से खासे नाराज़ हैं। ग्रामीणों के अनुसार, पंचायत सचिव महज खाना पूर्ति कर रहे है। सफाई व्यवस्था नदारद है, और गंदगी की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाएँ केवल दीवारों पर लिखी दिखती हैं, ज़मीन पर उनका कोई असर नहीं है। पंचायत की लापरवाही ने साफ कर दिया है कि जिम्मेदार अधिकारी जनता की समस्याओं के प्रति असंवेदनशील बन चुके हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों की मुख्य माँगें
पूरे गाँव में तत्काल सफाई अभियान चलाया जाए। सड़कों के दोनों ओर पक्की नालियाँ बनाई जाएँ। तथा जो सड़के कच्ची है उन सड़को का कंक्रीटयुक्त निर्माण कराया जावे। फॉगिंग मशीन से मच्छरनाशक छिड़काव किया जाए। सफाई कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। दोषी पंचायत अधिकारियों पर प्रशासनिक कार्यवाही की जाए।
विकास के वादों में दम तो है, पर धरातल पर सन्नाटा
ग्राम बूढ़ा की स्थिति उन सैकड़ों गाँवों की हकीकत बयां करती है जहाँ स्वच्छ भारत मिशन की दीवारों पर नारे लिखे हैं, पर गलियों में कीचड़ भरा है। ग्राम पंचायतों को जवाबदेह बनाना और ग्रामीणों को स्वच्छता अभियान में शामिल करना अब अत्यंत आवश्यक है। यदि प्रशासन ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में संक्रामक बीमारियाँ पूरे क्षेत्र में फैल सकती हैं। अब सवाल यह है कि क्या ग्राम पंचायत व प्रशासन जागेगा, या फिर ग्रामीणों को इसी गंदगी में जीवन गुजारना पड़ेगा।
इनका कहना:-
मीडिया से मिली है जानकारी-
ग्राम पंचायत बर्धा के ग्राम बूढा में गंदगी होने तथा साफ सफाई ना होने की जानकारी मीडिया से मिली है। शीध्र ही ग्राम पंचायत सचिव को साफ - सफाई कराने निर्देशित किया जाएगा।
नीलम रायकवार, सीईओ जनपद पंचायत सिलवानी।