पानी जीवन के लिए ज़रूरी है, हालाँकि वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे शरीर में पानी की ज़रूरत कई चीज़ों पर निर्भर करती है.
By: demonews
May 17, 20254 hours ago
ज़रूरत के मुताबिक़ पानी न पीने से डिहाइड्रेशन हो सकता है, लेकिन बहुत ज़्यादा पानी पीना भी क्या जानलेवा हो सकता है?
हमारे शरीर के वज़न का क़रीब 60 फ़ीसदी पानी होता है. यह हमारी कोशिकाओं, शरीर के अंगों, शरीर में मौजूद रक्त और अन्य भागों में मौजूद होता है.
स्कॉटलैंड की स्टर्लिंग यूनिवर्सिटी में हाइड्रेशन विशेषज्ञ डॉक्टर निडिया रोड्रिगेज-सांचेज़ कहती हैं, "पानी एक पोषक तत्व है. हम प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर पर ध्यान देते हैं, लेकिन पानी को अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व नहीं मानते."
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पानी लगभग हर शारीरिक क्रिया में अहम भूमिका निभाता है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार, इसकी कुछ प्रमुख भूमिकाएँ इस तरह हैं-
• पोषक तत्वों और ऑक्सीजन को कोशिकाओं तक पहुँचाना
• मूत्राशय से बैक्टीरिया को बाहर निकालना
• भोजन को पचाने में मदद करना
• कब्ज़ न होने देना
• ब्लड प्रेशर को नॉर्मल करना
• जोड़ों को आराम देना
• शरीर के अंगों की रक्षा करना
• शरीर के तापमान को नियंत्रित करना और
• इलेक्ट्रोलाइट (सोडियम) का संतुलन बनाए रखना
हमारा शरीर लगातार पसीना, पेशाब और यहाँ तक कि साँस लेने में पानी को शरीर से बाहर निकालता है. शरीर और इसके अंगों के ठीक से काम करते रहने के लिए शरीर से बाहर निचल चुके पानी को फिर से भरने की ज़रूरत होती है. इस प्रक्रिया को वाटर बैलेंस कहते हैं.
शरीर जितना पानी लेता है, उससे ज़्यादा पानी बाहर निकाल देता है, तो इससे डिहाइड्रेशन हो सकता है. ऐसा होने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं.
डिहाइड्रेशन के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ गंभीर मामलों में डिहाइड्रेशन से भ्रम, दिल की धड़कन का तेज़ होना और यहाँ तक कि शरीर के अंग भी काम करना बंद कर सकते हैं.
कुछ लोगों को इससे हैरानी हो सकती है, लेकिन ज़्यादा पानी पीना ख़तरनाक हो सकता है और इसके परिणाम काफ़ी गंभीर हो सकते हैं.
थोड़े समय में बहुत ज़्यादा पानी पीने से हाइपोनेट्रेमिया यानी पानी का नशा भी हो सकता है. यह तब होता है जब आपके रक्त में सोडियम की मात्रा ख़तरनाक रूप से कम हो जाती है, जिससे शरीर की कोशिकाएँ सूज जाती हैं.
हाइपोनेट्रेमिया के लक्षणों शामिल है-
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इमेज कैप्शन,आप किस परिस्थिति में काम कर रहे हैं, शरीर में पानी की ज़रूरत उस पर भी निर्भर करती है (सांकेतिक तस्वीर)
तरल पदार्थ रक्त के प्रवाह में तेज़ी से अवशोषित हो जाते हैं. अवशोषित अतिरिक्त तरल पदार्थ को किडनी फ़िल्टर करती है, इसके बाद पेशाब बनता है. हालाँकि इंसानों की किडनी हर घंटे केवल एक लीटर तरल पदार्थ को ही प्रोसेस कर सकती है.
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यूरोपीय फूड सेफ़्टी अथॉरिटी हर रोज़ महिलाओं को दो लीटर और पुरुषों को ढाई लीटर पानी पीने की सलाह देती है. इसमें जो पानी हम पीते हैं, केवल वही शामिल नहीं है, बल्कि भोजन सहित सभी स्रोतों से शरीर में जाने वाला पानी भी शामिल है.
ज़्यादातर खाद्य पदार्थ जिनमें फल, सब्जियाँ, चावल और यहाँ तक कि मेवे भी शामिल हैं, उन सब में पानी होता है. मसलन तरबूज़ में क़रीब 92% पानी होता है.
लेकिन यह सलाह भी सभी के लिए एक जैसी नहीं होती है.
स्कॉटलैंड में एबरडीन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन स्पीकमैन दुनियाभर में हो रहे एक अध्ययन का हिस्सा थे, जिसमें 23 देशों में पांच हज़ार से ज़्यादा लोगों के पानी के सेवन पर नज़र रखी गई थी.
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प्रोफेसर स्पीकमैन बताते हैं, "बीस से साठ साल के बीच के पुरुषों को संभवतः हर रोज़ क़रीब 1.8 लीटर पानी की ज़रूरत होती है. इसी उम्र की महिलाओं को 1.5 से 1.6 लीटर की पानी की ज़रूरत रोज़ होती है. जब आप क़रीब 85 साल के हो जाते हैं, तो आपको वास्तव में रोज़ केवल एक लीटर पानी की ज़रूरत होती है."
लेकिन किसी व्यक्ति को कितने पानी की ज़रूरत होती है, यह शरीर के वज़न, शारीरिक गतिविधि, आयु, लिंग और पर्यावरण की स्थिति जैसी कई बातों पर निर्भर करता है.
उनका कहना है, "अगर आप किसी ऐसी जगह पर रहते हैं जो गर्म और नम है, तो आपकी पानी की ज़रूरत किसी ठंडे और शुष्क जगह पर रहने वाले इंसान की तुलना में काफ़ी ज़्यादा होगी."
प्यास शरीर का प्राकृतिक संकेत है जो बताता है कि शरीर को ज़्यादा पानी की ज़रूरत है.
पेशाब का रंग भी शरीर में पानी की मौजूद मात्रा का अच्छा संकेत है. पेशाब का हल्का पीला रंग इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी है, जबकि इसका गहरा पीला रंग पानी की कमी का संकेत हो सकता है.
अगर किसी इंसान को उल्टी या दस्त हो रही हो तो उसके शरीर को ज़्यादा तरल पदार्थ लेने की ज़रूरत होती है, ताकि शरीर से निकल रहे पानी का संतुलन बना रहे.