थाईलैंड: भारत ने भगवान बुद्ध का पवित्र अवशेष थाई पीएम को सौंपा
बैंकॉक में स्थापना, 9 दिन श्रद्धांजलि दे सकेंगे

बैंकॉक । भारत की धरती से भगवान बुद्ध के संबंध ऐतिहासिक महत्व के हैं। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार और बिहार के राज्यपाल आरवी आर्लेकर भगवान बुद्ध के अवशेषों के साथ थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंचे। उन्होंने थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को अवशेष सौंपे। कई दिनों तक श्रद्धालु इनके दर्शन कर सकेंगे। भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को बैंकॉक के राष्ट्रीय संग्रहालय से रॉयल ग्राउंड सनम लुआंग में ले जाया जा रहा है। थाईलैंड में धूमधाम से इस शोभायात्रा को आयोजित किया जाता है। भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को शुक्रवार को बैंकॉक के रॉयल ग्राउंड सनम लुआंग में स्थापित किए जाने के मौके पर थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार उपस्थित रहे। गौरतलब है कि भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों अरहंता सारिपुत्त और अरहंता महा मोग्गलाना के पवित्र अवशेष अब सनम लुआंग में स्थापित हैं। बिहार के राज्यपाल, राजेंद्र आर्लेकर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार, वरिष्ठ भिक्षुओं और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ थाई पीएम को पवित्र अवशेष सौंपे। भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों अरहंता सारिपुत्त और अरहंता महा मोग्गलाना के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी 24 फरवरी से 3 मार्च तक लगाई जाएगी। सुबह 9 बजे से रात 8 बजे के बीच आम जनता श्रद्धांजलि देने के लिए आ सकती है। लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए तीन प्रांतों में पवित्र अवशेषों की स्थापना किए जाने की योजना है। उत्तरी थाईलैंड के रॉयल पार्क राजाप्रुए के होर खाम लुआंग में स्थापना होगी। पूर्वोत्तर के चियांग माई प्रांत में स्थापना होगी। उबोन रत्चथानी प्रांत के महावनराम मंदिर में स्थापना होगी। दक्षिण के क्राबी प्रांत में वाट महथात वाचिरामोंगकोल में अवशेषों की स्थापना होगी। थाईलैंड का यह आयोजन इसलिए भी खास है क्योंकि इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है। हर दिन शाम 5 बजे (स्थानीय समयानुसार) बौद्ध मंत्रोच्चार समारोह होगा। बौद्ध धर्म से जुड़े लोगों के बीच इसे सौभाग्य बढ़ाने के प्रतीक रूप में देखा जाता है। सारिपुत्त और मोग्गल्लाना के अवशेषों के साथ-साथ लोग भगवान बुद्ध के अवशेषों को श्रद्धांजलि देने भी आएंगे। क्षेत्रीय विशेषताओं के आधार पर बौद्ध मंत्रों के जाप के लिए भव्य समारोह आयोजित होगा। थाईलैंड के राजा महा वजिरालोंगकोर्न फ्रा वजिराक्लाओचाओयुहुआ के 72वें जन्मदिन के अवसर पर भारत से पवित्र अवशेष थाईलैंड भेजे गए हैं। थाईलैंड के संस्कृति मंत्रालय ने पहले कहा था कि यह इतिहास में पहली बार होगा जब बौद्ध और पड़ोसी देश बुद्ध के अवशेषों को श्रद्धांजलि देने जमा होंगे।