जिम्मेदारों की लापरवाही का नतीजा भुगत रहे किसान: खरीदी केन्द्र में बारिश से भीगी करोड़ों की धान, सता रही यह चिंता

बताया जा रहा है कि चुनाव के चलते धान की खरीदी अबतक शुरू नहीं हो पाई है। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में दो दिन हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि 1 दिसंबर से धान खरीदी लक्ष्य का रखा गया है। किसानों का कहना है कि परेशानी यह है कि सोसाइटी चालू नहीं हो रही है। ऐ

जिम्मेदारों की लापरवाही का नतीजा भुगत रहे किसान: खरीदी केन्द्र में बारिश से भीगी करोड़ों की धान, सता रही यह चिंता

जबलपुर। मध्यप्रदेश में बीते कई दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। राजधानी भोपाल और मालवा-निमाड़ समेत कई जिलों में भारी बारिश भी हुई है। लेकिन इस बारिश का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल खरीदी केन्द्रों पर खरीदी न होने से खुले आसमान के नीचे रखा हजारों क्विंटल धान भींग गया है। ऐसा ही जबलपुर में भी देखने को मिला है। यहां पर बेमौसम बारिश से तुलाई के लिए खुले में रखा हजारों क्विंटल धान भीग गया है। धान भीगने से किसानों को भारी नुकसान की चिंता सता रही है। किसानों ने सरकार से तुलाई को लेकर सरकार से दिशा-निर्देश जारी करने की गुहार लगाई है।

बताया जा रहा है कि चुनाव के चलते धान की खरीदी अबतक शुरू नहीं हो पाई है। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में दो दिन हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि 1 दिसंबर से धान खरीदी लक्ष्य का रखा गया है। किसानों का कहना है कि परेशानी यह है कि सोसाइटी चालू नहीं हो रही है। ऐसे में धान खराब हो रहा है। यह सरकार की बहुत बड़ी गलती है। किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि बोवनी के लिए खाद नहीं मिल रही है।

किसानों ने बयां की पीड़ा
किसान अशोक पटेल ने कहा कि धान की कटाई हुए लगभग महीनेभर हो गए। लेकिन शासन की ओर से कोई दिशा-निर्देश नहीं है कि कब तुलाई होनी है। सारे किसान परेशान हो रहे हैं। मौसम भी खराब हो रहा है। कब बारिश हो जाए, कब धान खराब हो जाए. उन्होंने कहा कि किसान कर्ज लेकर ही सब काम करते हैं, बीज-खाद लेना है लेकिन पैसे नहीं हैं।