एमपी बोर्ड 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में परीक्षा हाल में एक साथ नहीं बैठ सकेंगे एक ही स्कूल के छात्र 

मप्र में 1 मार्च से एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। इस बार मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) परीक्षा में पारदर्शिता बरतने को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल नया प्रयोग करने वाला है। पहली बार केंद्रों पर विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था बदली गई।

एमपी बोर्ड 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में परीक्षा हाल में एक साथ नहीं बैठ सकेंगे एक ही स्कूल के छात्र 
  • 1 मार्च से शुरू हो रही परीक्षा के लिए बैठक व्यवस्था में हुआ बदलाव

इंदौर। मप्र में 1 मार्च से एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। इस बार मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) परीक्षा में पारदर्शिता बरतने को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल नया प्रयोग करने वाला है। पहली बार केंद्रों पर विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था बदली गई।

अब एक ही स्कूल के छात्र-छात्राएं परीक्षा हाल में एक पंक्ति यानी एक-दूसरे के आगे-पीछे नहीं बैठ पाएंगे। उनके बीच कुछ विद्यार्थियों का अंतर रहेगा, जो अन्य स्कूलों में पढ़ते हैं। ऐसा करने के पीछे बोर्ड की मंशा परीक्षा में नकल रोकना है। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में सरकारी और निजी स्कूल दोनों में बनाए गए सभी केंद्रों पर लागू की है। हालांकि, शिकायत मिलने पर केंद्राध्यक्ष पर सीधे कार्रवाई की जाएगी।

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नकल रोकने में होगी आसानी
 
दसवीं-बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू होने वाली हैं। बीते साल की तुलना में इंदौर जिले में केंद्रों की संख्या बढ़ाई है। 149 सरकारी-निजी स्कूलों में परीक्षा रखी है। इसमें 35 फीसद ऐसे केंद्र बनाए हैं, जहां दो से तीन स्कूलों के विद्यार्थी परीक्षा देंगे। यहां बोर्ड ने छात्र-छात्राओं की बैठक व्यवस्था में बदलाव किया है। 

अभी ऐसी थी व्यवस्था 
अधिकारियों के मुताबिक पुरानी व्यवस्था में परीक्षा हाल में एक ही स्कूल के विद्यार्थियों को आगे-पीछे बिठाया जाता था। ऐसे में पेपर देने के दौरान विद्यार्थी आपस में प्रश्नों के जवाब बताते थे या फिर नकल सामग्री का आदान-प्रदान करते थे। अब केंद्र पर एक स्कूल के विद्यार्थी के पीछे अन्य स्कूल के विद्यार्थी को बिठाया जाएगा। इससे नकल रोकने में आसानी होगी।

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बढ़ाए गए परीक्षा केंद्र
मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ महीने पहले चुनिंदा सरकारी स्कूलों को सीएम राइज बनाया है। अकेले इंदौर जिले में 11 सीएम राइज स्कूल निर्धारित किए हैं। हायर सेकंडरी जैसे बड़े सरकारी स्कूल को परीक्षा केंद्र नहीं रखा गया है। इनके बदले में बोर्ड माध्यमिक स्कूलों में भी परीक्षा करवाएगा। साथ ही अनुदान प्राप्त और निजी स्कूलों की संख्या बढ़ाई है। अधिकारियों के अनुसार विद्यार्थियों की सुविधा व निर्धारित मापदंड पूरे करने वाले निजी स्कूलों को भी केंद्र बनाया है।


 

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90 हजार विद्यार्थी होंगे शामिल
जिले में 149 स्कूलों को केंद्र बनाया है। इसमें 64 सरकारी और 85 निजी स्कूलों को रखा है। 24 केंद्रों को संवेदनशील माना है। 46050 विद्यार्थी दसवीं और 43531 विद्यार्थी बारहवीं की परीक्षा देंगे। बैठक व्यवस्था बदलने के साथ ही बोर्ड ने केंद्रों पर नकल रोकने के लिए उड़नदस्ते भी बनाए हैं।

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 बैठक व्यवस्था में किया गया बदलाव 
इंदौर के जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास  का कागुक है कि दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा से जुड़ी गतिविधियों के बारे में केंद्राध्यक्षों को बताया गया है। एक से अधिक स्कूल के विद्यार्थियों को एक ही परीक्षा केंद्र आवंटित किए हैं। बैठक व्यवस्था में बदलाव किया गया है।