साल का पहला चंद्र ग्रहण कल, 130 साल बाद बन रहा बुद्ध पूर्णिमा और ग्रहण का संयोग, जानें सूतक काल और कहां दिखाई देगा
इस साल का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख माह की पूर्णिमा पर लगने जा रहा है। साल का यह पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लगेगा। बता दें कि 15 दिनों के अंतराल पर यह साल 2023 का दूसरा ग्रहण है। इसके पहले 20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया था। अब बुद्ध पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्रग्रहण लगेगा। वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर लगने वाले इस चंद्र ग्रहण पर 130 वर्षों बाद दुर्लभ संयोग बनेगा।

Lunar Eclipse 2023 : इस साल का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख माह की पूर्णिमा पर लगने जा रहा है। साल का यह पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लगेगा। बता दें कि 15 दिनों के अंतराल पर यह साल 2023 का दूसरा ग्रहण है। इसके पहले 20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया था। अब बुद्ध पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्रग्रहण लगेगा। वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर लगने वाले इस चंद्र ग्रहण पर 130 वर्षों बाद दुर्लभ संयोग बनेगा। दरअसल, 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण दोनों का संयोग बन रहा है।
यह ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, जिसमें चांद की सतह पर धूल भरी आंधी के रूप में नजर आएगा। आइए जानते हैं साल के पहले चंद्र ग्रहण का समय, सूतककाल और इसे कहां-कहां पर देखा जा सकेगा।
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...आखिर क्यों लगता है ग्रहण
ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व होता है। चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा ग्रसित हो जाता है, जिसका असर हर व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर पड़ता है। ग्रहण भले एक खगोलीय घटना हो लेकिन धार्मिक मान्यताओं में इसे अशुभ माना जाता है। यह एक दैवीय आपदा मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के दौरान राहु सूर्य और चंद्रमा को ग्रसित कर लेता है, जिसकी वजह से ग्रहण लगता है।
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भारत में क्या दिखेगा चंद्र ग्रहण?
खगोल विज्ञानियों के अनुसार साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के ज्यादातर हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा। जहां तक भारत में इस चंद्र ग्रहण के दिखाई देने का मामला है तो ज्यादातर खगोल शास्त्र के जानकारों और हिंदू पंचांग की गणनाओं के आधार पर यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन टाइम एंड डेट डॉट काम के अनुसार भारत के कुछ हिस्सों में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है।
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चंद्र ग्रहण का समय
साल का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 5 मई को रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगा। जो आधी रात को यानी 1 बजकर 1 मिनट तक चलेगा। ग्रहण का उच्चतम काल रात 10 बजकर 52 मिनट पर होगा।
यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा
साल का पहला चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो तब ये तीनों एक सीधी लाइन में कुछ देर के लिए आ जाते हैं। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। जब पृथ्वी की परछाई सीधी चंद्रमा पर न पड़े तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं।
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भारत में सूतक काल मान्य नहीं
धार्मिक नजरिए से जब भी उपच्छाया चंद्रग्रहण लगता है तो इसको ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। बता दें कि सूर्य ग्रहण के होने पर ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है, जबकि चंद्र ग्रहण होने पर 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ काम और पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। सूतक की समाप्ति के बाद ही सभी तरह के धार्मिक कार्य दोबारा से शुरू होते हैं।