रूस से ऊर्जा आयात पर यूरोपीय संघ ने बड़ा फैसला लिया है। एक जनवरी 2028 से पाइपलाइन तेल और एलएनजी समेत सभी रूसी ऊर्जा उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होगा। यह कदम रूस पर निर्भरता खत्म करने और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाया गया है।
By: Sandeep malviya
Oct 21, 202522 hours ago
लक्जमबर्ग। रूस के सभी प्रकार के ऊर्जा आयात को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत ईयू ने रूस से सभी प्रकार की ऊर्जा आयात पर एक जनवरी 2028 से पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह निर्णय ईयू के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में लिया गया, जो लक्जमबर्ग में आयोजित की गई थी। इसमें लगभग सभी सदस्य देशों ने यूरोपीय आयोग के प्रस्ताव का समर्थन किया। मामले में ईयू परिषद की अध्यक्षता कर रहे डेनमार्क के ऊर्जा मंत्री लार्स आगार्ड ने कहा कि यह प्रस्ताव यूरोप को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
यह प्रतिबंध पाइपलाइन के जरिए आने वाले तेल और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) दोनों पर लागू होगा। हालांकि, दूसरी ओर रूसी गैस का आयात एक जनवरी 2026 से ही बंद कर दिया जाएगा, लेकिन पहले से चल रहे छोटे अनुबंधों को जून 2026 तक की छूट दी जाएगी और दीर्घकालिक अनुबंध 2028 तक जारी रह सकते हैं।
समझिए क्यों लिया गया यह फैसला?
बता दें कि ईयू ने यह कदम रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस की ओर से गैस आपूर्ति को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करने और बार-बार आपूर्ति में रुकावट के चलते उठाया है। यह कदम फएढङ्म६ी१एव रोडमैप का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य है रूस पर ऊर्जा निर्भरता को पूरी तरह खत्म करना।
ईयू की विदेश नीति प्रमुख काजा कैलास का बयान
वहीं इस मामले में ईयू के विदेश मामलों की प्रमुख काजा कैलास ने कहा कि रूस सिर्फ तब ही बातचीत करता है जब उस पर दबाव होता है। हम 19वें प्रतिबंध पैकेज की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन फरवरी से बिना शर्त युद्धविराम को तैयार है, लेकिन रूस अब भी शांति नहीं चाहता। इस दौरान कैलास ने यह भी स्पष्ट किया कि यूक्रेन को कोई भी शांति समझौते के बदले अपनी जमीन नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से दुनिया को गलत संदेश जाएगा कि बलपूर्वक जमीन हथियाई जा सकती है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ईयू अब रूस की 'शैडो फ्लीट' यानी गुप्त जहाजों के नेटवर्क पर भी नजर रख रहा है, जो तेल प्रतिबंधों को चकमा देने में मदद कर रहे हैं। ईयू मंत्री इसके खिलाफ बेहतर समन्वय के लिए काम कर रहे हैं।