अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक टलने के बाद पुतिन ने रूस पर और रूस के परमाणु सेनाओं के बड़े युद्धाभ्यास का आदेश दिया। इस अभ्यास से साफ है कि आने वाले समय में यूक्रेन संकट को सुलझाने का रास्ता आसान नहीं होगा।
By: Sandeep malviya
Oct 22, 2025just now
मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को देश की रणनीतिक परमाणु सेनाओं के बड़े युद्धाभ्यास का आदेश दिया। इसमें मिसाइल प्रक्षेपण का अभ्यास भी शामिल था। यह कदम ऐसे समय पर आया जब यूक्रेन पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ प्रस्तावित शिखर बैठक को टाल दिया गया।
तीनों विभागों ने किया परमाणु अभ्यास
क्रेमलिन के मुताबिक इस अभ्यास में रूस की संपूर्ण परमाणु त्रयी (थल, जल और वायु आधारित परमाणु क्षमता) शामिल रही। इसके अनुसार, थल से- आरएस-24 यार्स अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल को रूस के उत्तर-पश्चिमी इलाके में स्थित प्लेसेत्स्क लॉन्च केंद्र से दागा गया। जल से- आर -29आरएमयू सिनेवा आईसीबीएम को बारेंट्स सागर में तैनात पनडुब्बी से छोड़ा गया। आसमान से- टुपोलेव टीयू-95 बमवर्षक विमानों ने लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें दागीं।
बैठक को लेकर पुतिन-ट्रंप का बयान
क्रेमलिन के बयान में कहा गया कि इस अभ्यास के जरिए सैन्य कमान की तैयारियों और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति की प्रक्रिया का परीक्षण किया गया। रूस की जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल वैलेरी गेरेसिमोव ने वीडियो लिंक के जरिए पुतिन को रिपोर्ट दी। पुतिन ने कहा कि यह अभ्यास पहले से तय था, लेकिन इसका समय ट्रंप के एलान के कुछ घंटों बाद आया। ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि वह हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में पुतिन से जल्दी बैठक नहीं करना चाहते क्योंकि 'यह समय की बबार्दी होगी।'
शिखर बैठक के तैयारी जरूरी- क्रेमलिन
बुधवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि दोनों देशों के बीच शिखर बैठक तभी होगी जब पूरी तैयारी हो। उन्होंने कहा, 'कोई भी अपना समय व्यर्थ नहीं करना चाहता, न राष्ट्रपति ट्रंप और न ही राष्ट्रपति पुतिन। दोनों नेता प्रभावी ढंग से काम करने के आदी हैं, और इसके लिए अच्छी तैयारी जरूरी होती है।'
मार्को रुबियो और सर्गेई लावरोव के बीच बातचीत
इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच बातचीत हुई थी। लावरोव ने साफ कर दिया था कि रूस यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम के पक्ष में नहीं है। दूसरी ओर ट्रंप यूक्रेन संघर्ष में अपनी स्थिति बार-बार बदलते रहे हैं, कभी युद्धविराम को शांति वार्ता से पहले रखने की बात, तो कभी कब्जा की गई जमीन पर रुख बदलना।