नेपाल में 'जेन जेड' समूह के 18 कार्यकतार्ओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया। ये सभी कार्यकर्ता अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। पिछले महीने हिंसक आंदोलन के बाद ओली को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
By: Sandeep malviya
नेपाल। नेपाल पुलिस ने गुरुवार को 'जेन जेड' समूह के 18 कार्यकतार्ओं को गिरफ्तार किया है। इनमें निकोलस भुसाल भी शामिल हैं। ये सभी लोग काठमांडू के मैतीघर इलाके में प्रदर्शन कर रहे थे और अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
'जेन जेड' आंदोलन का एक महीना पूरा होने पर यह प्रदर्शन किया गया था। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस आंदोलन की शुरूआत हुई थी। बाद में सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिससे आंदोलनकारी और आक्रोशित हुए और यह हिंसक प्रदर्शन में बदल गया।
सितंबर में हुआ हुए थे बड़े विरोध प्रदर्शन
हजारों युवाओं ने आठ और नौ सितंबर को 'जेन जेड' ग्रुप के बैनर तले सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस दौरान 76 लोगों की मारे गए। पहले दिन (आठ सितंबर) पुलिस ने कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें 19 लोगों की जान गई। दूसरे दिन (नौ सितंबर) प्रदर्शन और ज्यादा हिंसक हो गया और उन्होंने कई सरकारी दफ्तरों में आग के हवाले किया, जिसके बाद ओली सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था।
भुसाल और सुरेंद्र घारती गिरफ्तार
भुसाल और उनके साथी सुरेंद्र घर्ती को तब गिरफ्तार किया गया, जब वे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच प्रदर्शन कर रहे थे। इससे पहले पुलिस ने मैतीघर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी थी।
प्रदर्शनकारियों की क्या है मांग
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अंतरिम सरकार बनने के बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी जा रही हैं, इसलिए उन्होंने फिर से प्रदर्शन किया। उनकी मुख्य मांग है कि केपी शर्मा ओली और रमेश लेखक को गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि वे सितंबर में हुई मौतों के जिम्मेदार हैं।
तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन
अंतरिम सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग बनाया है, जिसकी अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश गौरी बहादुर कार्की कर रहे हैं। यह आयोग यह पता लगाएगा कि जेन जेड आंदोलन को कुचलने के लिए क्या पुलिस ने जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग किया।