18 अक्टूबर 2025, शनिवार का विस्तृत पंचांग जानें। तिथि, नक्षत्र, योग, करण, राहुकाल, शुभ-अशुभ समय, सूर्योदय-सूर्यास्त और धनतेरस, प्रदोष व्रत के बारे में पूरी जानकारी।
By: Ajay Tiwari
Oct 18, 202522 hours ago
18 अक्टूबर 2025 का विस्तृत पंचांग
स्टार समाचार वेब. धर्म डेस्क
हर दिन की अपनी एक ऊर्जा और ज्योतिषीय गणना होती है, जिसे पंचांग के माध्यम से जाना जाता है। 18 अक्टूबर 2025, शनिवार का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन धनतेरस, प्रदोष व्रत और शनि त्रयोदशी जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे।
हिन्दू मास एवं संवत:
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
मास: कार्तिक (कृष्ण पक्ष)
तिथि (Tithi):
तिथि: द्वादशी (बारहवीं तिथि) - दोपहर 12 बजकर 18 मिनट (या 12:20/12:21 मिनट) तक
उपरांत: त्रयोदशी (तेरहवीं तिथि) का आरंभ। इसी त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा।
वार (Day):
दिन: शनिवार
नक्षत्र (Nakshatra):
नक्षत्र: पूर्वाफाल्गुनी - दोपहर 03 बजकर 41 मिनट (या 03:43 मिनट) तक
उपरांत: उत्तराफाल्गुनी
योग (Yoga):
योग: ब्रह्म - अगले दिन 19 अक्टूबर की सुबह 01 बजकर 48 मिनट तक
उपरांत: इंद्र
करण (Karan):
प्रथम करण: तैतिल - दोपहर 12 बजकर 18 मिनट (या 12:20/12:21 मिनट) तक
द्वितीय करण: गर - अगले दिन 01 बजकर 02 मिनट (या 01:04 मिनट) तक
पर्व एवं त्योहार:
धनतेरस / धनत्रयोदशी: इस दिन भगवान धनवंतरी, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा की जाती है। नई वस्तुओं की खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
प्रदोष व्रत (शनि प्रदोष): चूंकि त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन पड़ रही है, इसलिए यह शनि प्रदोष व्रत होगा, जो भगवान शिव और शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष फलदायी होता है।
यम दीपम: यमराज के लिए दीपदान किया जाता है, जिससे अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।
सूर्य और चंद्रमा से संबंधित गणनाएँ:
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 23 मिनट (लगभग)
सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 47 मिनट (लगभग)
चंद्र राशि: सिंह - रात्रि 10 बजकर 11 मिनट (या 10:11/10:12 मिनट) तक
उपरांत: कन्या
शुभ-अशुभ समय (मुहूर्त):
शुभ मुहूर्त (Auspicious Timings):
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक (दिल्ली/उत्तर भारत के समय के अनुसार, विभिन्न स्थानों पर slight variation हो सकता है)
अशुभ मुहूर्त (Inauspicious Timings):
राहुकाल: सुबह 09 बजकर 14 मिनट से सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक (इस दौरान कोई भी शुभ कार्य आरंभ करना वर्जित माना जाता है)
यमगण्ड: दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से दोपहर 02 बजकर 57 मिनट तक
गुलिक काल: सुबह 06 बजकर 23 मिनट से सुबह 07 बजकर 49 मिनट तक
दिशा शूल:
दिशा शूल: पूर्व दिशा। शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा करना वर्जित माना जाता है। यदि आवश्यक हो तो अदरक खाकर यात्रा कर सकते हैं।
पंचांग का महत्व: यह पंचांग वैदिक ज्योतिष पर आधारित है, जो तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण के आधार पर समय की शुभता और अशुभता को दर्शाता है। किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले पंचांग देखना आवश्यक माना जाता है। आज के दिन धनतेरस और शनि प्रदोष का शुभ संयोग बन रहा है, जो खरीदारी और शिव-शनि आराधना के लिए बहुत ही मंगलकारी है।
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