गंजबासौदा। साप्ताहिक श्रमदान अभियान 4.0 के तहत 36 वें चरण का नदी सफाई अभियान का श्रमदान रविवार को संपन्न हुआ। इस दौरान श्रमदान दल के सदस्यों ने बेतवा नदी से बडी मात्रा में कांच व प्लास्टिक की टूटी हुई फोटो फ्रेम्स, पूजा-सामग्री, पॉलीथीन, थर्मोकोल और अन्य अवशिष्ट पदार्थ एकत्र किए और उन्हें तट पर लाकर रखा।
इस दौरान करीब ट्रॉली भर कचरा निकाला गया। श्रमदान दल के सदस्यों का कहना है कि क्या किसी भी धर्म या आस्था ने यह कहा है कि अपवित्र खण्डित या पुरानी चीजें पवित्र जल में विसर्जित की जाएं फिर क्यों हर रविवार श्रमदान दल को दर्जनों किलो प्लास्टिक, कांच और अपशिष्ट एकत्र करना पड़ता है। हर चरण में एक ट्रॉली से अधिक कचरा अर्थात क्वांटलो से प्लास्टिक सामग्री, टूटी-फूटी फोटो फ्रेम्स, पूजन हवन सामग्री एवं अन्य अवशिष्ट दल के सदस्यों के साथ निकाली जा रही हैं और यह आँकड़े केवल एक घाट के हैं, पूरी नदी के नहीं। इस रविवार के अभियान में भी दल ने कूड़े के ढेर से भगवान की टूटी तस्वीरें, प्लास्टिक में लिपटी राखियाँ, सिंदूर की डिब्बियाँ और प्रसाद के सड़ चुके पैकेट बाहर निकाले। लोगों को जागरूक करने और उनसे बार बार अपील करने के बाद भी प्रति सप्ताह वैसा ही कचरा नदी से बाहर निकाला जा रहा है। इसके बावजूद श्रमदान दल न केवल नदी की सफाई में जुटा है, बल्कि समाज को यह भी समझा रहा है कि नदियाँ पूजनीय तभी हैं, जब तक हम उन्हें प्रदूषित नहीं करते। नदी को कचरे का पात्र बना देना उसकी पूजा रनहीं, अपमान है। स्वच्छता कार्यक्रम में रुद्रांश सिंह, अंशु शर्मा, कोमल कुशवाह, राकेश रघुवंशी, नितिन अग्रवाल, दीपेश शर्मा, गजराज राय, दिनेश चौरसिया, योगेंद्र माझी, आकाश जैन एवं अरनब रघुवंशी जुटे हैं।