16 दिसंबर 2025 के लिए सटीक हिंदू पंचांग। जानें शुभ-अशुभ समय, सूर्योदय-सूर्यास्त, राहुकाल, नक्षत्र, योग, और ग्रह गोचर की विस्तृत जानकारी।
By: Ajay Tiwari
Dec 16, 20251:31 AM
धर्म डेस्क. स्टार समाचार वेब
16 दिसंबर 2025, मंगलवार का दिन है। यह मार्गशीर्ष (अगहन) माह के शुक्ल पक्ष की तिथि है।
तिथि: पूर्णिमा
पूर्णिमा तिथि सायं 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी, इसके बाद पौष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ हो जाएगी।
वार: मंगलवार
शक संवत: 1947 (क्रोधी)
विक्रम संवत: 2082 (राक्षस)
मास: मार्गशीर्ष (शुक्ल पक्ष)
योग: साध्य
साध्य योग सायं 06 बजकर 53 मिनट तक, उसके बाद शुभ योग।
करण: विष्टि (भद्रा)
विष्टि करण (भद्रा) प्रातः 06 बजकर 06 मिनट से सायं 04 बजकर 18 मिनट तक।
यह दिन एक महत्वपूर्ण ग्रह परिवर्तन का साक्षी है, क्योंकि सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे।
सूर्य राशि: वृश्चिक
सूर्य का धनु राशि में प्रवेश (धनु संक्रांति) प्रातः 09 बजकर 58 मिनट पर होगा। इसके साथ ही एक माह के लिए खरमास भी शुरू हो जाएगा।
चंद्र राशि: रोहिणी नक्षत्र के प्रभाव के कारण चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा।
चंद्रमा रात्रि 11 बजकर 01 मिनट तक वृषभ राशि में, फिर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा।
नक्षत्र: कृतिका
कृतिका नक्षत्र प्रातः 07 बजकर 51 मिनट तक, इसके बाद रोहिणी नक्षत्र आरंभ होगा।
किसी भी कार्य को आरंभ करने के लिए शुभ-अशुभ समय का ध्यान रखना आवश्यक है।
| काल का प्रकार | समय (भारतीय समयानुसार) |
| सूर्योदय | प्रातः 07:07 AM |
| सूर्यास्त | सायं 05:27 PM |
| ब्रह्म मुहूर्त | प्रातः 05:19 AM से 06:13 AM तक |
| अभिजीत मुहूर्त | पूर्वाह्न 11:57 AM से 12:38 PM तक |
| अमृत काल | रात्रि 08:35 PM से 10:21 PM तक |
| राहुकाल (अशुभ) | अपराह्न 02:45 PM से 04:06 PM तक |
| यमगण्ड (अशुभ) | प्रातः 09:49 AM से 11:10 AM तक |
| गुलिक काल | दोपहर 12:31 PM से 01:52 PM तक |
विशेष: राहुकाल, यमगण्ड और भद्रा काल में कोई भी नया या मांगलिक कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के कारण इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा: यह दिन दान, स्नान और सत्यनारायण कथा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
धनु संक्रांति: सूर्य का धनु राशि में प्रवेश। इस दिन से मलमास (खरमास) शुरू हो जाता है, जिसके कारण विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों पर एक महीने के लिए रोक लग जाती है।
दैनिक अनुष्ठान: मंगलवार होने के कारण इस दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना और व्रत रखने का विशेष विधान है। हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायी होगा।