22 दिसंबर 2025 का विस्तृत पंचांग पढ़ें। जानें सोमवार की तिथि, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय-सूर्यास्त का समय और आज का शुभ मुहूर्त व राहुकाल।
By: Ajay Tiwari
Dec 22, 20251:22 AM
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले पंचांग देखना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के माध्यम से हम तिथि, नक्षत्र, योग और शुभ-अशुभ समय का ज्ञान प्राप्त करते हैं। आज 22 दिसंबर 2025, सोमवार का दिन है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है।
| विवरण | जानकारी |
| दिनांक | 22 दिसंबर 2025 |
| वार | सोमवार |
| हिंदी महीना | पौष (अमान्त), मार्गशीर्ष (पूर्णिमांत) |
| पक्ष | शुक्ल पक्ष |
| तिथि | तृतीया (दोपहर 01:45 बजे तक, उसके बाद चतुर्थी) |
| विक्रम संवत | 2082 (नल) |
| शक संवत | 1947 (क्रोधी) |
सूर्योदय: सुबह 07:11 बजे
सूर्यास्त: शाम 05:29 बजे
चंद्रोदय: सुबह 09:34 बजे
चंद्रास्त: रात 08:21 बजे
नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा (रात 09:54 बजे तक, फिर श्रवण)
योग: व्याघात (दोपहर 12:15 बजे तक, फिर हर्षण)
करण: गर (दोपहर 01:45 बजे तक), वणिज (अगली सुबह 02:48 बजे तक)
यदि आप आज कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं या यात्रा पर जा रहे हैं, तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 बजे से 12:40 बजे तक। (यह किसी भी शुभ कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है)।
अमृत काल: शाम 03:52 बजे से 05:39 बजे तक।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:21 बजे से 06:16 बजे तक।
अशुभ समय में किसी भी नए या मांगलिक कार्य की शुरुआत से बचना चाहिए:
राहुकाल: सुबह 08:28 बजे से 09:46 बजे तक।
यमगण्ड: सुबह 11:03 बजे से दोपहर 12:20 बजे तक।
गुलिक काल: दोपहर 01:38 बजे से 02:55 बजे तक।
दुर्मुहूर्त: दोपहर 12:40 बजे से 01:21 बजे तक, फिर दोपहर 02:44 बजे से 03:25 बजे तक।
आज सोमवार है, जो चंद्र देव और महादेव का दिन है। आज के दिन "ॐ नमः शिवाय" का जाप करना और शिवलिंग पर जल अर्पित करना मानसिक शांति और समृद्धि प्रदान करता है। साथ ही, पौष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि होने के कारण आज मां गौरी की पूजा करना भी फलदायी माना जाता है।