केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश के 100 ऐसे जिले जहां अधिक संख्या में घातक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, उन्हें सेफ लाईफ फाउंडेशन के सर्वे के माध्यम से चिन्हित किया है। देश के चिन्हित 100 जिलों में मध्यप्रदेश के छह जिले चिन्हित किए गए हैं।
By: Arvind Mishra
Jul 09, 20252:27 PM
भोपाल। स्टार समाचार वेब
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश के 100 ऐसे जिले जहां अधिक संख्या में घातक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, उन्हें सेफ लाईफ फाउंडेशन के सर्वे के माध्यम से चिन्हित किया है। देश के चिन्हित 100 जिलों में मध्यप्रदेश के छह जिले चिन्हित किए गए हैं। ये जिले धार, सागर, सतना, रीवा, जबलपुर और खरगोन हैं। धार जिले में वर्ष 2023 के आकलन अनुसार सबसे अधिक घातक सड़क हादसे हुए हैं। इन सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के तहत सभी जिला प्रशासन से कहा गया है कि इन सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को चिन्हित करते हुए योजना तैयार की जाए। इसके बाद आवश्यक कार्य किए जाएं जिससे इन सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग सके। दरअसल, आईआईटी मद्रास के ‘सड़क सुरक्षा के लिए उत्कृष्टता केंद्र’ द्वारा ऐसी रणनीति पर कार्य किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक स्थल और सड़क कॉरिडोर जहां दुर्घटनाएं अधिक संख्या में हो रही हैं, वहां कम लागत वाले अति स्थानीय कार्यों को चिन्हित किया गया है। उन कार्यों के लिए जिला प्रशासन को सहयोग दिया जाएगा।
इधर, मप्र परिवहन विभाग की ओर से सभी कमिश्नर और कलेक्टर को विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्य सचिव द्वारा भी इस कार्य की लगातार समीक्षा की जा रही है। कार्य योजना के तहत सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वे जिले में एडीएम या एसडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करें। साथ ही यह नोडल अधिकारी जिले की सड़क एजेन्सियों के अधिकारियों के साथ बैठक करके संभावित दुर्घटना स्थलों और सड़क कॉरिडोर की जानकारी संकलित करें।
ऐसे स्थल अथवा सड़क कॉरिडोर जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं उन्हें एनआईसी ई-धार पोर्टल से चिन्हित किया जा सकेगा। कुछ ऐसे स्थल, जहां संभावित घातक दुर्घटना हो सकती हैं। वर्तमान में छुटपुट दुर्घटनाएं निरंतर हो रही हैं, ऐसे स्थलों की जानकारी जैसे स्थानीय पुलिस, स्थानीय निकायों, आमजन आदि से एकत्रित करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए हैं।
जिले के ऐसे चिन्हित सड़क दुर्घटनाओं के स्थल एवं सड़क कॉरिडोर का निरीक्षण सभी संबंधित सड़क एजेंसी के जिला अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जाएगा। साथ ही दुर्घटना के तकनीकी और इंजीनियरिंग कारणों को आंकलित कर लेखबद्ध किया जाएगा। मौका निरीक्षण के बाद तकनीकी कारण जिनकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं उनकी जानकारी लेने के बाद निराकरण के लिए अतिस्थानीय एवं कम लागत के उपाय भी संबंधित सड़क एजेन्सी के इंजीनियर करेंगे।
जिला कलेक्टर, नोडल अधिकारी एवं सड़क एजेंसी के इंजीनियर के माध्यम से जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इनकी प्रस्तुतीकरण की जाएगी। इन कम लागत से होने वाले व्यय के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है कि हर जिले में समुचित बजट प्रावधान सुनिश्चित किया जाए। इस पर होने वाले व्यय के लिए राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि, सांसद-विधायक निधि से प्राप्त करने के प्रयास किए जाएंगे।