रूस के कुरील द्वीप पर आज 7.0 तीव्रता का भूकंप आया है। वहीं इसके बाद कामचटका के तीन क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। वहीं इससे पहले 450 साल बाद क्राशेनिन्निकोव ज्वालामुखी फटा है जिसके बाद से हवाई यातायात के लिए 'आरेंज अलर्ट' भी जारी किया गया है।
By: Sandeep malviya
Aug 03, 202512 minutes ago
मॉस्को । रूस के कामचटका में 8.8 तीव्रता के आए भूकंप के बाद अब कुरील द्वीप समूह पर 7.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इस भूकंप के बाद रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका के तीन हिस्सों में सुनामी की आशंका जताई गई है। रूस के आपात सेवा मंत्रालय ने इसे लेकर रविवार को चेतावनी जारी की। मंत्रालय ने टेलीग्राम पर जारी संदेश में कहा, उम्मीद है कि लहरों की ऊंचाई कम रहेगी, लेकिन इसके बावजूद आपको तट से दूर जाना चाहिए। अधिकारियों ने लोगों से समुद्री किनारों और निचले क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की अपील की है।
अमेरिकी और प्रशांत एजेंसियों की रिपोर्ट
प्रशांत सुनामी चेतावनी प्रणाली और अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने भी भूकंप की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने कहा कि इस भूकंप से कोई बड़ा सुनामी खतरा नहीं है।
450 साल बाद फटा ज्वालामुखी
बता दें कि इस भूकंप से कुछ ही घंटे पहले कामचटका क्षेत्र में क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी फट पड़ा। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी और वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि की है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ज्वालामुखी करीब 450 साल बाद पहली बार फटा है। यह ज्वालामुखी पिछली बार वर्ष 1550 में फटा था।
पहले ही जारी की गई थी चेतावनी
रूस के वैज्ञानिकों ने पिछले सप्ताह ही चेतावनी दी थी कि क्षेत्र में तेज भूकंप के झटकों के बाद आफ्टरशॉक्स और भूगर्भीय हलचलें आने के आसार हैं। इससे पहले, इसी क्षेत्र में क्लूचेवस्कॉय ज्वालामुखी भी फट चुका है, जो कि कामचटका का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है।
राख का गुबार और हवाई अलर्ट
ज्वालामुखी फटने के बाद 6,000 मीटर (करीब 3.7 मील) तक राख का बड़ा गुबार आकाश में फैल गया है। रूस के आपात मंत्रालय ने कहा कि राख का यह गुबार प्रशांत महासागर की दिशा में जा रहा है और इसके रास्ते में कोई आबादी वाला क्षेत्र नहीं है। विमानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, आरेंज कोड अलर्ट जारी किया गया है, जो हवाई यातायात के लिए खतरे की गंभीर स्थिति को दशार्ता है। पिछले कुछ दिनों से कामचटका क्षेत्र में भूगर्भीय गतिविधियां तेज हो रही हैं। पहले 8.8 तीव्रता का भूकंप, फिर 450 साल बाद ज्वालामुखी विस्फोट और अब सुनामी की आशंका, यह सभी घटनाएं आपस में जुड़ी हो सकती हैं। वैज्ञानिक स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।