आमतौर पर पाकिस्तान किसी न किसी खराब वजहों से ही चर्चा में रहता है। मगर, पहली बार पाकिस्तान से एक अच्छी खबर सामने आ रही है। एक 18 साल की युवती ने पाकिस्तान की पितृसत्तात्मक समाज को चुनौती देते हुए अपना मुकाम हासिल कर लिया है। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान की सबसे युवा कमर्शियल महिला पायलट बनीं मिनेल्ले फारूकी की।
By: Arvind Mishra
Jul 15, 202522 hours ago
आमतौर पर पाकिस्तान किसी न किसी खराब वजहों से ही चर्चा में रहता है। मगर, पहली बार पाकिस्तान से एक अच्छी खबर सामने आ रही है। एक 18 साल की युवती ने पाकिस्तान की पितृसत्तात्मक समाज को चुनौती देते हुए अपना मुकाम हासिल कर लिया है। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान की सबसे युवा कमर्शियल महिला पायलट बनीं मिनेल्ले फारूकी की। मिनेल्ले ने महज 18 साल की उम्र में अपने सपनों की उड़ान हासिल कर ली है। वो पाकिस्तान की सबसे उम्र की कमर्शियल पायलट बन गईं हैं। अपनी इस उपब्धि पर बात करते हुए मिनेल्ले कहती हैं कि उड़ने का शौक उन्हें बचपन से ही था।
मिनेल्ले के अनुसार, उड़ने का शौक मेरे डीएनए में था। शुरू से ही प्लेन देखकर मेरी उत्सुकता बढ़ जाती थी। मेरा घर कराची रनवे के बेहद करीब है। मैं बचपन से ही प्लेन को टेकआफ और लैंड करते हुए देखती हूं। मुझे पता था कि मुझे भी बड़े होकर पायलट ही बनना है।
कमर्शियल पायलट बनीं मिनेल्ले ने महज 1 साल में 13 एविएशन एग्जाम पास किए हैं। इस पर मिनेल्ले कहती हैं कि न सिर्फ लड़कियों, बल्कि सभी के लिए मेरा यही संदेश है कि अगर आपके अंदर किसी चीज का जुनून है, तो उसे जरूर फॉलो करिए। आपको पीछे खींचने वाले 100 लोग होंगे। यहां तक कि जो प्रोफेशन पुरुष प्रधान नहीं हैं, वहां भी बहुत से लोग होंगे जो आपको आगे बढ़ने से रोकेंगे।
मिनेल्ले अभी एअर एंबुलेंस आपरेट करती हैं। मिनेल्ले के अनुसार, उड़ान से संबंधित हर चीज करना मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा लक्ष्य है। एअर एंबुलेंस के जरिए आप इंसानों की जान भी बचाते हैं। यह न सिर्फ एक जिम्मेदारी वाला काम है, बल्कि इस पर गर्व भी महसूस होता है। मिनेल्ले का सपना एअरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट बनने का है।
पाकिस्तान में शायद अब बहुत कम लोग उस महिला के जीवन की परिस्थितियों के बारे में जानते होंगे, जिन्हें देश की पहली कमर्शियल पायलट होने का सम्मान प्राप्त है। शुक्रिया खानम ने 12 जुलाई 1959 को कमर्शियल पायलट लाइसेंस हासिल किया। ये वो कामयाबी थी जो उनके पहले किसी पाकिस्तानी महिला ने हासिल नहीं की थी। तब नियम था कि महिलाएं कमर्शियल फ्लाइट नहीं उड़ा सकती थीं।