संघर्ष विराम, ट्रंप, श्रेय
By: Sandeep malviya
May 21, 202512 hours ago
वॉशिंगटन। भारत पाकिस्तान संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता के दावे पर पूर्व अमेरिकी एनएसए जॉन बोल्टन ने तंज कसा है। बोल्टन ने कहा कि ट्रंप को श्रेय लेने की आदत है। यह भारत के लिए व्यक्तिगत नहीं है। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप हर चीज का श्रेय लेते हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत की थी। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी इस बातचीत में शामिल थे। मुझे यकीन है कि यह ठीक वैसा जैसा होगा, जैसे अन्य देश भी यह देखने के लिए कॉल कर रहे हैं कि वे क्या कर सकते हैं। ट्रंप की खासियत है, वह हर किसी के श्रेय लेने से पहले ही कूद पड़ते हैं। यह परेशान करने वाला हो सकता है। लेकिन यह भारत के खिलाफ कुछ नहीं है। यह सिर्फ ट्रंप का ट्रंप होना है। बोल्टन ने कहा कि भारत को पाकिस्तान के अंदर उन स्थानों के खिलाफ आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का अधिकार था, जहां से आतंकी हमले की योजना बनाई गई थी और उसे अंजाम दिया गया था। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जब कोई देश अपने क्षेत्र में चल रही आतंकवादी गतिविधि को नियंत्रित नहीं कर सकता है तो साफ है कि शायद वह इसमें योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई पूरी तरह से उचित थी, लेकिन इससे सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तानी सरकार को यह समझाने की कोई संभावना है कि यह उनके हित में नहीं है और अगर वे इसे नियंत्रित नहीं करते हैं तो उनके लिए इससे भी बदतर परिणाम हो सकते हैं। बोल्टन ने कहा कि यह लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा है, लेकिन संघर्ष विराम पर सहमति बनने से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव, सैन्य प्रतिक्रिया और आगे-पीछे होना 2019 में जो हुआ उससे कहीं ज्यादा था। पाकिस्तान को आपूर्ति किए गए चीनी सैन्य विमान पाकिस्तान की प्रतिक्रिया में प्रमुख थे और यह पाकिस्तान के अंदर बढ़ते चीनी प्रभाव को दशार्ता है, जो निश्चित रूप से भारत के लिए खतरा बढ़ाता है।
मुनीर को फील्ड मार्शल बनाना पाकिस्तान के लिए अच्छा नहीं
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल बनाए जाने पर पूर्व अमेरिकी एनएसए जॉन बोल्टन ने कहा, कि मुझे लगता है कि यह संभावित रूप से परेशान करने वाला संकेत है। पाकिस्तान में आंतरिक असंतोष को दबा दिया गया है। इमरान खान जेल में हैं। मुझे नहीं लगता कि यह पाकिस्तान के हित में है। यह कुछ ऐसा है जिस पर अमेरिकी सरकार को जोर देना चाहिए। यहां शत्रुता का निरंतर स्तर पाकिस्तान के विकास में बाधा डालेगा। मुझे चिंता है कि यह चीन के लिए इन घटनाक्रमों का लाभ उठाने का एक और अवसर है जो उन्हें पाकिस्तान के अंदर अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है।