नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने पांच मार्च को होने वाले आम चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की और सभी सात प्रांतों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की।
By: Sandeep malviya
Nov 02, 20256:47 PM
काठमांडू। नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने पांच मार्च को होने वाले आम चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की और सभी सात प्रांतों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री के प्रेस समन्वयक राम बहादुर रावल ने बताया कि यह बैठक इसलिए बुलाई गई थी ताकि बदलते राजनीतिक हालात में केंद्र और राज्यों की सरकारों के बीच बेहतर संवाद और तालमेल बन सके।
सुशीला कार्की (73 वर्षीय) 12 सितंबर को नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं। इससे पहले भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के लिए के खिलाफ युवाओं ने जेन-जेड आंदोलन किया था। जिसके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
यह बैठक प्रधानमंत्री की चुनाव की तैयारियों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और हितधारकों के साथ चल रही सलाह-मशविरा की श्रृंखला का हिस्सा थी। कार्की चुनाव से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों और जेन जेड समूह के नेताओं के साथ बैठकें कर सहमति बनाने की कोशिश कर रही हैं। शनिवार को उन्होंने नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा और बिश्व प्रकाश शर्मा के साथ चर्चा की, ताकि चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की स्थिति स्पष्ट हो। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, एक घंटे की इस बैठक में चुनाव की तैयारियों, कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने और अन्य जरूरी कार्यों पर फोकस किया गया।
नेपाली कांग्रेस के नेताओं ने प्रधानमंत्री को चुनाव में पार्टी की भागीदारी सुनिश्चित करने का भरोसा दिया। थापा और शर्मा ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस जल्द ही जेन जेड समूह और अन्य राजनीतिक दलों के साथ गंभीर संवाद करेगी। सुरक्षा मुद्दों और चुनाव की तैयारियों पर चर्चा के लिए कार्की ने 21 अक्तूबर को पहली बार कार्यवाहक सरकार के गठन के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी।
इस बैठक में भंग हुई प्रतिनिधि सभा के कई प्रमुख राजनेता शामिल हुए। प्रधानमंत्री कार्की ने सभी दलों से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में सहयोग मांगा, जबकि नेताओं ने सरकार से चुनाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने का अनुरोध किया। इससे पहले 25 अक्तूबर को नेपाल के गृहमंत्री ओम प्रकाश आर्याल ने सभी संबंधित पक्षों को आमंत्रित किया था और पांच मार्च के आम चुनाव से पहले सड़कों पर प्रदर्शन करने के बजाय कार्यवाहक सरकार के साथ संवाद करने का सुझाव दिया था। बैठक के बाद गृहमंत्री अर्यालय ने कहा था, समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार हमेशा संवाद और चर्चा के लिए तैयार है।