भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका गई भारतीय वार्ताकारों की टीम वापस आ चुकी है। बीते कुछ समय में दोनों देशों के बीच बातचीत में तेजी जरूर आई, लेकिन कई मुद्दों पर फंसे पेंच के चलते समझौते पर अब तक अंतिम सहमति नहीं बन सकी है।
By: Arvind Mishra
Jul 06, 20258 hours ago
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका गई भारतीय वार्ताकारों की टीम वापस आ चुकी है। बीते कुछ समय में दोनों देशों के बीच बातचीत में तेजी जरूर आई, लेकिन कई मुद्दों पर फंसे पेंच के चलते समझौते पर अब तक अंतिम सहमति नहीं बन सकी है। वहीं जिन मुद्दों को लेकर बात अटकी हुई है, उसे लेकर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत ट्रेड डील में जल्दबाजी के पक्ष में नहीं है। इसी बीच अब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपना रुख साफ करते हुए कह दिया है कि भारत किसी दबाव में नहीं आएगा और अपने मूल हितों से समझौता कतई नहीं करेगा। भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड वार्ता के अहम मोड़ पर पहुंचने के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत सरकार का रुख साफ किया है और दो टूक कहा है कि देश अपने मूल हितों से समझौता करने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने रविवार को कहा कि, नेशन फर्स्ट हमारा मूल मंत्र है और किसी भी तरह की कोई बातचीत दबाव में नहीं होगी। भारतीय किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही बातचीत की जाएगी और हम किसी भी तरह के दबाव में नहीं आएंगे।
इससे पहले केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी सरकार के इसी तरह के रुख को रेखांकित किया था और कहा था कि भारत व्यापार समझौते में जल्दबाजी करने से इन्कार करता है। उन्होंने कहा था कि दोनों पक्षों के लिए जीत वाली स्थिति होनी चाहिए। भारत कभी भी डेडलाइन के आधार पर बिजनेस डील्स पर बातचीत नहीं करता है। गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा भारत पर अपने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने का दबाव डाला जा रहा है, जिसे लेकर ट्रेड डील अंतिम समझौते तक नहीं पहुंच पाई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी जून महीने के आखिर में ट्रेड डील को लेकर सरकार की ओर पहला बयान देते हुए ये साफ कर दिया था कि भारत, अमेरिका के साथ एक बड़ा और शानदार समझौता करना चाहेगा, लेकिन इसके लिए शर्तें भी लागू होंगी। उन्होंने कहा था कि भारत में एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर्स के लिए अभी निश्चित सीमाएं हैं, जिन पर विचार किया जाना बेहद जरूरी है।