मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सितंबर को अंतिम सुनवाई होगी। जिसमें 13 फीसदी होल्ड पदों पर फैसला होगा। इसके लिए केस को सुनवाई के लिए पहले नंबर पर रखा है।
By: Arvind Mishra
Aug 12, 2025just now
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सितंबर को अंतिम सुनवाई होगी। जिसमें 13 फीसदी होल्ड पदों पर फैसला होगा। इसके लिए केस को सुनवाई के लिए पहले नंबर पर रखा है। दरअसल, मंगलवार को वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट के सामने पक्ष रखा। ओबीसी महासभा के वकील वरुण ठाकुर ने बताया कि कोर्ट ने इस मामले को अति महत्वपूर्ण मानते हुए टॉप आफ द बोर्ड में लिस्टेड किया है। 22 सितंबर को इसे पहले नंबर पर सुनवाई के लिए रखा है। ये 13 फभ्सदी होल्ड वाले मामले में अंतिम सुनवाई होगी।
इससे पहले कोर्ट में प्रतियोगी परीक्षाओं में 13 प्रतिशत होल्ड पदों को अनहोल्ड किए जाने और छत्तीसगढ़ के फॉर्मूले पर अमल के लिए याचिकाकर्ताओं के वकील अपनी बात रख चुके हैं। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने 4 मई 2022 के अंतरिम आदेश में ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 प्रतिशत तक सीमित कर दी थी। इसके बाद से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
पांच अगस्त को हुई सुनवाई में ओबीसी महासभा की ओर से कहा गया था कि परीक्षा के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन नियुक्ति नहीं दी जा रही है। छत्तीसगढ़ जैसी राहत एमपी में दी जाए। दूसरी तरफ, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चांडुरकर की खंडपीठ के सामने अनारक्षित वर्ग द्वारा 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिए जाने पर बात रखी गई थी।
इस मामले में 22 जुलाई को हुई सुनवाई में मप्र सरकार ने राहत की मांग की थी। सरकार की ओर से कहा गया था कि जैसे छत्तीसगढ़ में 58 प्रतिशत आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता दी है, वैसे ही मप्र को भी राहत दी जाए, ताकि भर्ती प्रक्रिया पूरी हो सके।