By: Arvind Mishra
उज्जैन/वाराणसी/देवघर। स्टार समाचार वेब
सावन मास के तीसरे सोमवार को पहले और दूसरे सोमवार की ही तरह देश के सभी शिव मंदिरों पर भक्तों की लंबी कतारे लगी रहीं। मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पट रात 2.30 बजे खोले गए। सुबह भस्म आरती की गई। यूपी के काशी में विश्वनाथ धाम के कपाट भी रात 3 बजे खोले गए। सुबह 4 बजे बाबा की मंगला आरती हुई। दोनों ही मंदिरों में रात से भक्तों की भीड़ जमा हो गई थी। 3 किमी लंबी कतारें लगी रहीं। देर शाम तक मंदिर में तीन लाख लोगों के पहुंचने की संभावना जताई गई है। झारखंड के देवघर के बाबा धाम में सोमवार तड़के सुबह 3.00 बजे मंदिर का द्वार खुल गया। द्वार खुलते ही बोल बम के जयकारों से पूरा मंदिर गूंज उठा। सुबह 4 बजे कांचा जल और प्रात: कालीन पूजा की गई। इसके बाद कांवरियों ने जल चढ़ाना शुरू किया। बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर परिसर से 4 किमी लंबी लाइन लगी रही। मंदिर परिसर में 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद रहे।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में वीरभद्र के कान में स्वस्ति वाचन कर चांदी का पट खोला गया। कर्पूर आरती की गई। नंदी हॉल में नंदी का स्नान, ध्यान, पूजन किया गया। भगवान महाकाल का रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट आभूषण के साथ भांग, चंदन, ड्रायफ्रूट से श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई गई। शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष के साथ-साथ फूलों की माला भगवान महाकाल ने धारण की। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। विनायक चतुर्थी होने के कारण भगवान महाकाल का गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया है।
खंडवा में भगवान ओंकारेश्वर का नर्मदा जल से अभिषेक किया गया। विशेष श्रृंगार के बाद गुलाब के फूल, बिल्व पत्र चढ़ाए गए। मंगला आरती के दौरान बाबा ओंकार को मेवा प्रसादी का भोग लगाया। रायसेन में भोजेश्वर महादेव को 5 क्विंटल फूल, धतूरे, बिल्व पत्र और आम के पत्तों के साथ नागेश्वर स्वरूप में सजाया गया है। टीकमगढ़ के शिव धाम, कुंडेश्वर में सवा किलो भांग से शिव का आकर्षक श्रृंगार किया गया।
उज्जैन में आज बाबा महाकाल की तीसरी सवारी मंदिर प्रांगण से शाम 4 बजे निकलेगी। मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके बाद वे पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी। सवारी के साथ हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा, गरुड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, घुड़सवार पुलिस दल, सशस्त्र पुलिस बल, होमगार्ड के जवान, भजन मंडली, झांझ मंडली के सदस्य और पुलिस बैंड रहेंगे।
इधर, ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 29 जुलाई को मनाए जाने वाले नागपंचमी महापर्व को लेकर लगभग तैयारियां पूरी हो गई हैं। लालपुल के समीप स्थित मंदिर प्रवेश मार्ग के मुहाने पर कर्कराज पार्किंग व भील समाज की धर्मशाला में श्रद्धालुओं की सुविधा के इंतजाम किए गए हैं। देशभर से आने वाले दर्शनार्थी यहीं से दर्शन की कतार में लगेंगे। नागपंमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए आम दर्शनार्थियों को चार किमी पैदल चलना पड़ेगा। आज रात 12 बजे महाकाल मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलेंगे। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद आम दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो 29 जुलाई की रात 12 बजे तक जारी रहेगा।