फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका से व्यापार समझौते पर कहा कि यूरोपीय संघ को पर्याप्त डर नहीं लगा। उन्होंने कहा कि अगली बातचीत में ईयू को सख्त रुख अपनाना होगा। समझौते में एव पर 15% टैरिफ और अमेरिका से ऊर्जा खरीदने की शर्त शामिल है।
By: Sandeep malviya
Aug 02, 202518 hours ago
पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका से व्यापार समझौते पर कहा कि यूरोपीय संघ को पर्याप्त डर नहीं लगा। उन्होंने कहा कि अगली बातचीत में ईयू को सख्त रुख अपनाना होगा। समझौते में ईयू पर 15% टैरिफ और अमेरिका से ऊर्जा खरीदने की शर्त शामिल है। फ्रांस ने इसमें अपनी भूमिका को मजबूत बताते हुए और छूटों की उम्मीद जताई है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका के साथ हुई हालिया व्यापार वार्ता पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) को इन चचार्ओं में उतना डर नहीं लगा जितना लगना चाहिए था। उन्होंने यह भी साफ किया कि आगे की बातचीत में यूरोप को अधिक सख्ती दिखानी होगी और फ्रांस इस दिशा में मजबूती से खड़ा रहेगा।
कैबिनेट बैठक में मैक्रों ने कहा कि यह मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है। फ्रांस 24 की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्रों ने बैठक में दो टूक कहा कि स्वतंत्र होने के लिए पहले शक्तिशाली और भयभीत करने वाला होना पड़ता है। उन्होंने स्वीकार किया कि अमेरिका के साथ हुई व्यापारिक बातचीत के दौरान ईयू को पर्याप्त गंभीरता और ताकत के साथ पेश नहीं किया गया।
15 प्रतिशत टैरिफ पर बनी सहमति
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उसुर्ला वॉन डेर लेयेन के बीच हुई वार्ता के बाद यह करार हुआ। समझौते के अनुसार, अब यूरोपीय संघ के अधिकांश निर्यात पर अमेरिका में 15 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। यह दर ट्रंप-पूर्व स्तर से अधिक है, लेकिन प्रस्तावित 30 प्रतिशत से कम है।
अमेरिका से ऊर्जा आयात की भी शर्त
इस डील के तहत यूरोपीय संघ ने अमेरिका से तीन वर्षों में 750 अरब डॉलर मूल्य की तरलीकृत प्राकृतिक गैस , तेल और परमाणु ईंधन खरीदने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा, अमेरिका में 600 अरब डॉलर के निवेश की भी योजना है। मैक्रों ने इसे संभावनाओं वाला समझौता बताया, जो निकट भविष्य के लिए स्थिरता देगा और फ्रांसीसी-यूरोपीय निर्यात हितों को संरक्षित करेगा।
आगे की बातचीत में बदलाव की जरूरत
फ्रांस के वित्त मंत्री एरिक लॉम्बार्ड ने भी मैक्रों की चिंता का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण चरणों में यूरोपीय संघ की वार्तात्मक शैली में ऊर्जा और दृढ़ता की कमी थी। लॉम्बार्ड के अनुसार, आगे की बातचीत में ईयू को अपने प्रभाव और रणनीतिक सोच को मजबूत करना होगा।
मैक्रों ने नई छूटों की जताई उम्मीद
मैक्रों ने आगे कहा कि इस समझौते की आगामी चर्चा में ईयू को कुछ नए छूट या रियायतें मिल सकती हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि फ्रांस हमेशा से स्पष्ट और कठोर रुख अपनाने वाला देश रहा है, और यही नीति आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने यूरोप को 'शक्ति' के रूप में खुद को देखने की जरूरत पर बल दिया।