प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "जब आपने हमें 2014 में सेवा का अवसर दिया, तो हमने जनहित में, देशहित में जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया।
By: Prafull tiwari
Sep 21, 2025just now
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में जीएसटी 2.0 सुधारों को देशहित में बताया। उन्होंने 'वन नेशन, वन टैक्स' को मजबूत बनाने और स्वदेशी मंत्र पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और सबको साथ लेकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म्स संभव हो पाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "जब आपने हमें 2014 में सेवा का अवसर दिया, तो हमने जनहित में, देशहित में जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया। हमने हर स्टेक होल्डर से चर्चा की, हमने हर राज्य की हर शंका का निवारण किया और हमने हर सवाल का समाधान खोजा। सभी राज्यों और सबको साथ लेकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म्स संभव हो पाया। यह केंद्र और राज्यों के प्रयासों का नतीजा था कि आज देश दर्जनों टैक्स से मुक्त हुआ। 'वन नेशन, वन टैक्स' का सपना साकार हुआ।"
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्वदेशी के मंत्र पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "जो देश के लोगों की जरूरत का है, जो हम देश में ही बना सकते हैं, वह हमें देश में ही बनाना चाहिए। देश की स्वतंत्रता को जैसे स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली, वैसे ही देश की समृद्धि को भी स्वदेशी के मंत्र से ही शक्ति मिलेगी। हम वह सामान खरीदें जो 'मेड इन इंडिया' हो, जिसमें हमारे देश के नौजवानों की मेहनत लगी हो, हमारे देश के बेटे-बेटियों का पसीना हो। हमें हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है। हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है।"
प्रधानमंत्री ने जीएसटी व्यवस्था पर बात करते हुए कहा, "सुधार एक निरंतर प्रक्रिया है जो बदलते समय और राष्ट्र की जरूरतों के साथ विकसित होती है। देश की प्रगति के साथ नेक्स्ट जेनरेशन सुधार आवश्यक हैं। वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए जीएसटी व्यवस्था के तहत नए सुधार लाए जा रहे हैं। संशोधित संरचना में केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर स्लैब लागू होंगे, जिससे रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं अधिक किफायती हो जाएंगी।"
उन्होंने कहा, "विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलना ही होगा और भारत को आत्मनिर्भर बनाने का बहुत बड़ा दायित्व हमारे एमएसएमई पर भी है। नागरिक देवो भव: नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स में इसकी साफ झलक दिखाई देती है।"