भोपाल में CMHO की टीम ने चलाया 'ऑपरेशन क्लीनिक'। नवोदय कैंसर अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट उल्लंघन पर नोटिस, बैरसिया में ऐश्वर्या शर्मा का अपंजीकृत क्लीनिक सील। जानें कैसे स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है अवैध प्रैक्टिस पर कार्रवाई।
By: Star News
Jun 30, 2025just now
भोपाल. स्टार समाचार वेब
राजधानी में अब निजी अस्पतालों और क्लीनिक संचालकों की खैर नहीं! मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) भोपाल के निर्देश पर, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सोमवार को ताबड़तोड़ छापेमारी की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए और नियम विरुद्ध चल रहे कई संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की गई।
नवोदय कैंसर अस्पताल में लापरवाही
शहर के नवोदय कैंसर अस्पताल में जांच के दौरान स्वास्थ्य टीम को भारी अनियमितताएं मिलीं। अस्पताल परिसर में खुलेआम बायो मेडिकल वेस्ट कंटेनर पड़े पाए गए, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं। बायोमेडिकल कचरे और अन्य अपशिष्ट के नियमानुसार निस्तारण न करने के साथ-साथ, साफ-सफाई की बदहाल व्यवस्था पर भी टीम ने कड़ी आपत्ति जताई। नतीजतन, अस्पताल को तत्काल सुधार करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। मरीजों और उनके परिजनों के बैठने की व्यवस्था सुधारने के भी सख्त निर्देश दिए गए हैं।
बैरसिया में 'अनाधिकृत प्रैक्टिस' पर ताला
बैरसिया के अचारपुरा मार्ग, ईंटखेड़ी में संचालित एक क्लीनिक में तो हद ही हो गई! जांच के दौरान ऐश्वर्या शर्मा नाम की एक महिला बिना किसी वैध पंजीकरण के मरीजों का इलाज करती मिलीं। क्लीनिक का पंजीयन संतोषी शर्मा के नाम पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी के लिए था, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह कि इस क्लीनिक का सीएमएचओ कार्यालय में कोई पंजीकरण ही नहीं था! अपंजीकृत होने और अनाधिकृत प्रैक्टिस करते पाए जाने पर, टीम ने तत्काल क्लीनिक का संचालन बंद करवा दिया।
अन्य क्लीनिकों पर भी गिरी गाज:
रॉयल मार्केट का क्यूर इमेजिंग एंड स्कैन सेंटर: इस सेंटर के क्लीनिक पंजीकरण की वैधता समाप्त हो चुकी थी। टीम ने नवीनीकरण होने तक केंद्र को बंद रखने का आदेश दिया।
वल्लभ नगर का विंध्य डेंटल क्लिनिक: यहां चिकित्सक अपनी डिग्री और रजिस्ट्रेशन प्रस्तुत नहीं कर पाए, हालांकि यह क्लीनिक सीएमएचओ कार्यालय में पंजीकृत पाया गया। टीम ने आगे की जांच के निर्देश दिए हैं।
CMHO डॉ. मनीष शर्मा ने चेताया
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल, डॉ. मनीष शर्मा ने साफ किया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें पूरे जिले में सक्रिय हैं। वे चिकित्सा व्यवसाय कर रहे व्यक्तियों की डिग्री, चिकित्सा पद्धति, काउंसिल का पंजीयन, और अन्य अनिवार्य अधिनियमों (मप्र उपचार्यगृह एवं रुजपचार संबंधी स्थापना अधिनियम, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, गुमास्ता लाइसेंस) की कड़ाई से जांच कर रही हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि इन क्लीनिकों पर विभाग की पैनी नजर है और स्थानीय पुलिस, नगर निगम तथा प्रशासन का सहयोग भी लिया जा रहा है ताकि अवैध और अनियमित गतिविधियों पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सके।