सीएम डॉ. मोहन यादव ने पुलिस को सड़क दुर्घटनाएं रोकने, महिला सुरक्षा और नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। जानें पुलिस आधुनिकीकरण और सिंहस्थ 2028 की नई रणनीति।
By: Star News
Dec 18, 20255:42 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस अफसरों से अपने व्यवहार और भाषा को लेकर अत्यंत सजग रहने की अपेक्षा की है। सीएम ने कहा, पुलिस बल में नवाचार करने वाले और सामाजिक सरोकारों से जुड़कर कार्य करने वाले कर्मियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। पुलिस की छवि जनता के बीच एक मददगार और अनुशासित बल की होनी चाहिए, जो न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखे बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी समझे। मुख्यमंत्री पुलिस महानिदेशक- महानिरीक्षक सम्मेलन- 2025 में बोल रहे थे।
सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री ने जागरूकता और आधुनिक तकनीक के समन्वय पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि दुर्घटना संभावित 'ब्लैक स्पॉट्स' की पहचान कर वहां विशेष सुरक्षा रणनीति बनाई जाए। इसके साथ ही, संवेदनशील मार्गों पर नियमित पेट्रोलिंग, ओवरस्पीडिंग पर नियंत्रण और शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। डॉ. यादव ने 'राहवीर योजना' के प्रचार-प्रसार और ड्राइवरों के आंखों के परीक्षण के लिए शिविर लगाने की बात कही, साथ ही 108 एम्बुलेंस सेवा और निजी अस्पतालों के बीच किसी भी प्रकार के अनैतिक गठजोड़ को रोकने के लिए सतर्क किया।
महिला सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
महिला सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने नशा मुक्ति की दिशा में कड़े कदम उठाते हुए कहा कि धार्मिक शहरों में शराबबंदी को सख्ती से लागू किया जाए और अन्य नशीले पदार्थों या रासायनिक दवाओं के अवैध व्यापार को कतई बर्दाश्त न किया जाए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नगरीय प्रशासन के साथ मिलकर घनी आबादी वाले क्षेत्रों के विकास और अतिक्रमण हटाने के लिए सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।
पुलिस प्रशिक्षण एक ही कैंपस में हो
भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए, मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशिक्षण को एक ही परिसर (Campus) में एकीकृत करने और सिंहस्थ 2028, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) व फॉरेंसिक विज्ञान जैसी तकनीकों के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के 'बस्तर ओलंपिक' की तर्ज पर प्रदेश में भी जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के आयोजन के निर्देश दिए, ताकि पुलिस और समाज के बीच सांस्कृतिक सेतु का निर्माण हो सके।