मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरु नानक जयंती पर गुरुद्वारा में मत्था टेका, गुरु नानक देव जी के 'मानवता की सेवा' के संदेश को सर्वोच्च बताया। उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी का 350वां जयंती वर्ष धूमधाम से मनाने की घोषणा की।
By: Ajay Tiwari
Nov 05, 20256:25 PM
भोपाल: स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित प्रसिद्ध गुरुद्वारा में माथा टेका। उन्होंने शबद कीर्तन (गुरुवाणी) का श्रवण किया और सभी देशवासियों को 'गुरुपरब' की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने वाहेगुरु जी से मध्य प्रदेश के निवासियों की सुख-समृद्धि और सर्व-कल्याण के लिए प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि गुरु नानक देव जी सामाजिक एकता, सौहार्द और सेवा भावना के सच्चे प्रतीक थे। उनका दिया हुआ मानवता की सेवा और सबके प्रति समानता का संदेश आज भी पूरे समाज के लिए एक प्रकाशस्तंभ के समान है। उन्होंने गुरु नानक जी के जीवन को सत्य, करुणा और परोपकार की एक अमूल्य मिसाल बताया, जिसका संदेश काल की सीमाओं से परे होकर हमेशा मानवता की सेवा के लिए प्रेरणा देता रहेगा।
समाज की माँग पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार गुरु तेग बहादुर जी का 350वां जयंती वर्ष और उनका शहीदी दिवस समाज की भावनाओं के अनुरूप भव्यता से मनाएगी। उन्होंने सत्य के मार्ग पर चलने वाले गुरु तेग बहादुर जी के सम्मान के लिए हर आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने श्री गुरु नानक देव जी के 556वें प्रकाश पर्व पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी ने संसार को मानवता, सेवा और कीर्तन की शिक्षा दी और सिख धर्म की स्थापना की। उन्होंने न केवल भारत में बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अरब देशों तक पदयात्राएँ कर सिख धर्म के प्रकाश को पहुँचाया। उन्होंने जातिगत भेदभाव को मिटाकर 'एक नूर से सब जग उपज्या' के सिद्धांत पर जोर दिया, जिसका अर्थ है कि ईश्वर एक है और उसी का प्रकाश हर जीव में व्याप्त है। यह शिक्षा हमें भेदभाव मिटाकर सच्चा प्रेम प्रकट करने की राह दिखाती है।
डॉ. यादव ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने मनुष्य को जीवन जीने का जो मार्ग दिखाया, वह केवल उपदेश नहीं बल्कि एक संपूर्ण जीवन दर्शन है। उन्होंने ईमानदारी से जीवन यापन करने, मेहनत से काम करने और मिल-बांटकर खाने की शिक्षा दी। लंगर की परंपरा शुरू करके उन्होंने सामाजिक समरसता और भाईचारे का संदेश दिया, जहाँ सभी लोग बिना किसी भेद-भाव के एक साथ भोजन करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेती हुई जनकल्याण और 'सेवा' को समर्पित है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश का हर नागरिक सम्मान, सुविधा और अवसर प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं को समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुँचाने के संकल्प को सिद्ध करने के लिए वे दिन-रात काम कर रहे हैं।