19 अक्टूबर 2025 (रविवार) का विस्तृत पंचांग। जानें कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, इंद्र योग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और इस दिन पड़ने वाले महत्वपूर्ण त्योहार - नरक चतुर्दशी और हनुमान पूजा के बारे में।
By: Ajay Tiwari
Oct 19, 20251:07 AM
स्टार समाचार वेब धर्म डेस्क
दिनांक 19 अक्टूबर 2025, दिन रविवार, हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तिथि है। यह दिन दीपावली के पाँच दिवसीय महोत्सव का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जिसे नरक चतुर्दशी (या छोटी दिवाली / रूप चौदस) के रूप में भी मनाया जाता है।
हिन्दू मास एवं वर्ष:
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
मास: कार्तिक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
ऋतु: शरद
तिथि एवं समय:
त्रयोदशी तिथि: यह तिथि दोपहर 01 बजकर 51 मिनट (13:51 PM) तक रहेगी।
विशेष: चूंकि धनतेरस का पर्व प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि में मनाया जाता है, इसलिए धनतेरस मुख्य रूप से 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी, लेकिन 19 अक्टूबर को दोपहर 01:51 बजे तक खरीदारी के लिए त्रयोदशी का शुभ समय व्याप्त रहेगा।
चतुर्दशी तिथि: त्रयोदशी की समाप्ति के बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा, जो अगले दिन तक रहेगी।
विशेष: नरक चतुर्दशी का स्नान (अभ्यंग स्नान) सूर्योदय से पूर्व किया जाता है। इस कारण कुछ पंचांगों के अनुसार नरक चतुर्दशी 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जबकि कुछ स्थानों पर हनुमान पूजा 19 अक्टूबर को भी की जाएगी।
नक्षत्र एवं योग:
नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र शाम 05 बजकर 49 मिनट (17:49 PM) तक रहेगा। इसके उपरांत हस्त नक्षत्र का आरंभ होगा।
फल: उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी सूर्य है, जो साहस और नेतृत्व का कारक है।
योग: इंद्र योग रहेगा, जो अगले दिन तड़के 02 बजकर 04 मिनट (02:04 AM, 20 अक्टूबर) तक प्रभावी रहेगा। इसके पश्चात वैधृति योग आरंभ होगा।
फल: इंद्र योग शुभ कार्यों, शासकीय कार्यों और यात्रा के लिए अच्छा माना जाता है।
करण: वणिज करण दोपहर 01 बजकर 51 मिनट (13:51 PM) तक, इसके बाद विष्टि (भद्रा) करण का आरंभ होगा।
सूर्य एवं चन्द्रमा की स्थिति:
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 46 मिनट पर
चन्द्रमा की राशि: चन्द्रमा पूरे दिन कन्या राशि में संचार करेंगे।
शुभ एवं अशुभ मुहूर्त (नई दिल्ली, भारत के समय अनुसार):
अभिजीत मुहूर्त (शुभ कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ): सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक।
अमृत काल: सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 11 मिनट तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 18 मिनट से दोपहर 03 बजकर 03 मिनट तक।
गोधूलि वेला: सायं 05 बजकर 46 मिनट से सायं 06 बजकर 11 मिनट तक।
अशुभ समय (राहुकाल):
राहुकाल: सायं 04 बजकर 21 मिनट से सायं 05 बजकर 46 मिनट तक।
ध्यान दें: राहुकाल में कोई भी नया या मांगलिक कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए।
गुलिक काल: दोपहर 02 बजकर 57 मिनट से सायं 04 बजकर 21 मिनट तक।
यमगण्ड: दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 22 मिनट तक।
दिशा शूल: पश्चिम दिशा। (अति आवश्यक होने पर दलिया खाकर यात्रा करें।)
आज के प्रमुख पर्व/त्योहार:
नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली): यह तिथि यमराज के पूजन और अकाल मृत्यु के भय को दूर करने के लिए विशेष मानी जाती है। कुछ क्षेत्रों में आज के दिन घरों में दीये जलाए जाते हैं और यम-दीपदान किया जाता है।
हनुमान पूजा: नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की पूजा का भी विशेष विधान है। इस दिन बजरंगबली की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
मासिक शिवरात्रि: कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि होने के कारण आज मासिक शिवरात्रि का व्रत एवं पूजन भी किया जाएगा, जो भगवान शिव को समर्पित है।