गंजबासौदा। रबी फसल की बुवाई की तैयारी में जुटे किसानों के लिए कृषि विभाग ने जरूरी सलाह जारी की है। विभाग ने कहा कि किसान केवल बीज निगम, बीज उत्पादक समितियों या मान्यता प्राप्त निजी विक्रेताओं ने ही प्रमाणित बीज खरीदें। अप्रमाणित बीज से कसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर असर पड़ता है।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे बुवाई से हले बीज की अंकुरण क्षमता की जांच जरूर करें। ज को फफूंदनाशी दवाओं से उपचारित करना रूरी है। इससे पौधे रोगों से सुरक्षित रहते हैं। बीज पचार से अंकुरण मजबूत होता है और पौधों की बड़ें गहरी बनती हैं। कृषि विभाग ने बताया कि कसान घर पर ही बीज की जांच कर सकते हैं। बसके लिए 100 दाने गिनकर गीले टाट या पुड्ढे में डालें और ढक दें। 48 घंटे बाद देखें कि कितने दाने अंकुरित हुए हैं। यदि 70% या उससे अधिक दाने अंकुरित होते हैं, तभी बीज उपयोग योग्य माना जाएगा। यदि अंकुरण 70% से कम हो तो उसी अनुपात में बीज की मात्रा बढ़ाएं।
बारिश की संभावना, हुई तो पलेवा की जरूरत नहीं
आसमान में बादल छाए हैं। मौसम विभाग ने अगले चार दिन में बारिश की संभावना जताई है। इससे किसानों में उत्साह है। अम्मा नगर के राजेंद्र दांगी, हरदूखेड़ी के अय्यूब कुरैशी, पवई के भूपेंद्र सिंह यादव, बरेठ के घनश्याम गुप्ता और ग्राम भरी के प्रमोद शर्मा ने बताया कि वे खेतों को बुवाई योग्य बनाने में जुटे हैं। किसान कचरे के सूखने का इंतजार किए बिना बखरनी और पाटा चला रहे हैं। बारिश हो गई तो पलेवा की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे पानी और खर्च दोनों की बचत होगी।
बीज की सही मात्रा और गहराई पर टिकी है बोवनी
विभाग ने फसलों के लिए बीज की सही मात्रा भी बताई है। गेहूं के लिए 100 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर, चना के लिए 75 किलोग्राम, मसूर के लिए 40 किलोग्राम और सरसों के लिए 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की जरूरत होती है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बीज की सही मात्रा और गहराई पर बुवाई से फसल की गुणवत्ता और पैदावार दोनों बढ़ती हैं।
जहां पानी की सुविधा है, वहां गेहूं जैसी फसलें बोवनी करें
कृषि विभाग ने कहा कि किसान फसल का चयन सिंचाई संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार करें। जहां पानी की सुविधा है, वहां गेहूं जैसी फसलें बोई जा सकती हैं। कम पानी वाले क्षेत्रों में चना, मसूर या सरसों फायदेमंद रहती हैं। जिन किसानों ने मृदा परीक्षण कराया है, वे उसी के अनुसार खाद और उर्वरक का चयन करें। इससे मिट्टी में पोषक तत्वों का संतुलन बना रहेगा और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
सिंचाई उपलब्धता के अनुसार फसल की किस्म चुनें
किसान फसल के लिए केवल प्रमाणित बीज का ही उपयोग करें। सिंचाई उपलब्धता के अनुसार फसल की किस्म चुनें। बुवाई से पहले बीज की प्रमाणिकता जांचें और उसका उपचार जरूर करें। समय पर तैयारी और वैज्ञानिक पद्धति से की गई बुवाई ही किसानों को अच्छा उत्पादन और लाभकारी फसल दे सकती है।
आशीष आर्य, एसएडीओ, कृषि विभाग, गंजबासौदा।
रंगोली सुख शांति और समृद्धि का प्रतीक है......