घटना के वक्त ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर होटल रेडिसन ब्लू से पैदल कैफे की तरफ जा रही थीं। खिलाड़ियों का आरोप है कि इस बीच एक बाइक सवार युवक ने उनसे छेड़छाड़ की।
By: Prafull tiwari
Oct 25, 20255 hours ago
इंदौर। ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम इस समय इंदौर में है, जहां शनिवार को विश्व कप 2025 के 26वें मुकाबले में साउथ अफ्रीका से उसकी भिड़ंत होगी, लेकिन इस मुकाबले से ठीक पहले दो ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ियों के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है।
घटना के वक्त ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर होटल रेडिसन ब्लू से पैदल कैफे की तरफ जा रही थीं। खिलाड़ियों का आरोप है कि इस बीच एक बाइक सवार युवक ने उनसे छेड़छाड़ की। महिला खिलाड़ियों ने तुरंत एसओएस का नोटिफिकेशन भेजा, जिसके बाद सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सुरक्षा अधिकारी डेनी सिमंस की शिकायत पर एमआईजी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया है। घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज, होटल रिकॉर्ड और सुरक्षा कर्मियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
सूचना मिलने पर, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने दोनों खिलाड़ियों से मुलाकात की, उनके बयान दर्ज किए और एमआईजी पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग) और धारा 78 (पीछा करना) के तहत एफआईआर दर्ज की। स्थानीय डिलीवरी एग्जीक्यूटिव के रूप में कार्यरत आरोपी की बाइक जब्त कर ली गई है। मामले में आगे की जांच जारी है। आरोपी के खिलाफ पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।
प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस घटना को दुखद और देश के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली बताते हुए कहा, "यह सिर्फ किसी महिला खिलाड़ी के साथ दुर्व्यवहार नहीं है, बल्कि इससे भारत की छवि खराब होती है। ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी देश की प्रतिष्ठा से खेलने की कोशिश न करे।"
उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश सरकार इस मामले में शून्य सहनशीलता की नीति पर काम करती है। अगर जांच में कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ उदाहरण प्रस्तुत करने जैसी सजा दी जानी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब देश की धरती पर विदेशी मेहमान खेलने आते हैं, तो उनके सम्मान और सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी हमारी होती है। भारत एक संस्कारी देश है, जहां ‘अतिथि देवो भवः’ की परंपरा रही है। ऐसी घटनाएं उस संस्कृति को आहत करती हैं।"