भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ला नीना के प्रभाव से इस वर्ष भारत में सामान्य से अधिक ठंड पड़ने की संभावना जताई है। जानें उत्तर और दक्षिण भारत में मौसम का हाल, दिवाली से पहले बढ़ा ठंड का असर, और अत्यधिक वर्षा की संभावना।
By: Ajay Tiwari
Oct 14, 20254:06 PM
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल भारत में सामान्य से अधिक ठंड पड़ने की चेतावनी जारी की है। इसका मुख्य कारण ला नीना की स्थिति का विकसित होना है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जो इस ठंडे जलवायु चरण के बनने का स्पष्ट संकेत है। ला नीना वैश्विक मौसम पैटर्न को प्रभावित करता है और भारत में अक्सर ठंड व वर्षा में वृद्धि लाता है।
उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में दिवाली से पहले ही ठंड का असर महसूस होने लगा है। दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव सहित कई इलाकों में सुबह हल्का कोहरा छाया रहता है। मौसम विभाग का यह भी कहना है कि मानसून की वापसी के साथ आने वाले हफ्तों में हल्की बारिश हो सकती है, जिससे ठंडक और बढ़ जाएगी।
ला नीना, अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ENSO) चक्र का ठंडा चरण है। इस दौरान प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी हिस्से का तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है। ENSO चक्र के तीन चरण होते हैं:
अल नीनो (गर्म चरण): तापमान सामान्य से ऊपर होता है।
ला नीना (ठंडा चरण): तापमान सामान्य से नीचे होता है।
उदासीन: तापमान सामान्य के आसपास रहता है।
ये चरण आमतौर पर हर दो से सात साल में बदलते रहते हैं और वैश्विक वायुमंडलीय प्रवाह को बदलकर तापमान, वर्षा और तूफानों को प्रभावित करते हैं।
IMD के महानिदेशक एम. महापात्रा ने पुष्टि की है कि अगले कुछ महीनों में ला नीना की स्थिति बनने की उम्मीद है। विभाग ने यह भी अनुमान लगाया है कि अक्टूबर में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। अनुमान है कि इस महीने औसतन 75.4 मिमी की अपेक्षा 115 प्रतिशत वर्षा हो सकती है। इसका असर खासकर पहाड़ी इलाकों में ज्यादा दिखेगा, जहां बर्फबारी और ठंडी हवाएँ तापमान को तेजी से नीचे ला सकती हैं।
दक्षिण भारत भी इस जलवायु स्थिति से अछूता नहीं रहेगा। पूर्वोत्तर मानसून (अक्टूबर से दिसंबर) के दौरान तमिलनाडु, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है, जो औसत से 112 प्रतिशत तक अधिक हो सकती है।
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में तापमान में गिरावट के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ने लगा है, जिससे वायु गुणवत्ता और बिगड़ सकती है। इस बीच, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में पहले ही बर्फबारी शुरू हो गई है, जो इस बात का संकेत है कि सर्दी का मौसम सामान्य समय से पहले आ रहा है।
मौसम विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि आगामी महीनों में तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है, इसलिए उन्हें ठंड से बचाव के उपाय पहले से करने चाहिए। किसानों के लिए भी यह चेतावनी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मौसम में यह बड़ा बदलाव उनकी फसलों को प्रभावित कर सकता है। IMD के मुताबिक, इस बार की सर्दी पिछले वर्षों की तुलना में अधिक ठंडी और लंबी रहने की संभावना है।