पश्चिम बंगाल में चुनाव ड्यूटी से जुड़े निर्देशों का पालन न करने के आरोप में लगभग 1,000 बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) पर गाज गिरी है। इन सभी अधिकारियों को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत 'कारण बताओ' नोटिस (Show Cause Notice) जारी किए गए हैं।
By: Ajay Tiwari
Oct 22, 20252 hours ago
नई दिल्ली. स्टार समाचार
पश्चिम बंगाल में चुनाव ड्यूटी से जुड़े निर्देशों का पालन न करने के आरोप में लगभग 1,000 बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) पर गाज गिरी है। इन सभी अधिकारियों को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत 'कारण बताओ' नोटिस (Show Cause Notice) जारी किए गए हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि इन बीएलओ ने निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा बार-बार अपील किए जाने के बावजूद अपना नाम ईआरओ-नेट पोर्टल पर दर्ज नहीं कराया था।
नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यह लापरवाही 'जानबूझकर की गई उपेक्षा' और 'कर्तव्य की गंभीर अवहेलना' के बराबर है, जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 32 का उल्लंघन है। इस धारा के अंतर्गत निर्वाचन कार्य में नियुक्त सभी अधिकारियों के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि चुनावी कामकाज के दौरान बीएलओ को भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की प्रतिनियुक्ति पर माना जाता है और वे आयोग के अनुशासनात्मक नियंत्रण में आते हैं।
इन सभी बूथ स्तरीय अधिकारियों से तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है कि सरकारी आदेश की अवहेलना और लापरवाही के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक या दंडात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। अधिकारी ने चेतावनी दी है कि यदि तय समय सीमा के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है, तो यह मान लिया जाएगा कि उनके पास कोई वैध कारण नहीं है और विभागीय नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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