विष्णु मांचू की पौराणिक फिल्म 'कन्नप्पा' 27 जून को सिनेमाघरों में आ रही है! प्रभास, अक्षय कुमार, मोहनलाल और काजल अग्रवाल जैसे सितारे विशेष भूमिकाओं में हैं। जानें कैसे 2014 में शुरू हुआ यह "प्रार्थना" जैसा प्रोजेक्ट, जिसका मकसद अनसुने नायकों की कहानी पर्दे पर लाना है।
By: Star News
Jun 26, 202522 hours ago
स्टार समाचार वेब.
पौराणिक फिल्म 'कन्नप्पा' को लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह है, क्योंकि यह कल, 27 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। विष्णु मांचू द्वारा निर्मित और मुकेश कुमार सिंह द्वारा निर्देशित इस फिल्म में प्रभास, मोहनलाल, अक्षय कुमार और काजल अग्रवाल जैसे दिग्गज सितारे कैमियो और विशेष भूमिकाओं में नज़र आएंगे।
विष्णु मांचू ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि 'कन्नप्पा' की नींव 2014 में एक विचार के रूप में पड़ी थी। उन्होंने कहा, "यह सफ़र 2014 में शुरू हुआ था। मुझे आज भी याद है जब एक राइटर मेरे घर आए और हमने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की। तभी मैंने तय कर लिया था कि ये फिल्म मुझे बनानी है।" उन्होंने बताया कि इस फिल्म में वर्षों की मेहनत, गहन शोध और एक स्पष्ट दृष्टिकोण शामिल है। भारत के साथ-साथ विदेशों की लोकेशंस पर भी इसकी शूटिंग हुई है। विष्णु मांचू इस पौराणिक कहानी को महज एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि "एक प्रार्थना" मानते हैं। उनके लिए, "रिसर्च से लेकर अलग-अलग देशों में जाकर लोकेशन फाइनल करना... अब जब फिल्म रिलीज के करीब है, तो ये मेरी जिंदगी का खास पल है।"
"अगर कहूं कि बॉक्स ऑफिस की परवाह नहीं है, तो वो झूठ होगा। मेरे लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं, एक प्रार्थना है।" उन्होंने आगे स्पष्ट किया, "हां, पैसा जरूरी है, लेकिन इसलिए नहीं कि अमीर बनना है, बल्कि इसलिए कि ऐसी कहानियां कह सकें जो इतिहास और विश्वास से जुड़ी हों।" उनका मानना है कि 'कन्नप्पा' उन अनसुने नायकों की कहानी है जो भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं, पर कभी पर्दे पर नहीं आए। वह चाहते हैं कि हमारा इतिहास सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि सिनेमा में भी जीवंत रहे।
"जब मैंने फिल्म लिखना शुरू किया, तो सोचा कि अगर भाषा की कोई सीमा न हो, तो मैं किन चेहरों को इन देवताओं के रूप में देखना चाहूंगा। तभी अक्षय, प्रभास, मोहनलाल और काजल जैसे नाम सामने आए और खुशकिस्मती से वो सब इसका हिस्सा बन भी गए।" उन्होंने जोर देकर कहा कि इन सितारों का जुड़ना सिर्फ स्टार पावर के लिए नहीं था, बल्कि भारत की विविधता और एकता को प्रदर्शित करने का एक तरीका था। उनके अनुसार, "यह सिर्फ एक रीजनल फिल्म नहीं, बल्कि पूरे देश की साझा विरासत की कहानी है और उसमें हर कोने की झलक जरूरी थी।"
फिल्म की ओपनिंग को लेकर विष्णु मांचू ने कहा, "स्टार पावर आपको सिर्फ दरवाजे तक ले जाती है। अंदर कौन टिकेगा, वो तय करता है कंटेंट।" उनका मानना है कि प्रभास, अक्षय कुमार जैसे नाम फिल्म को एक बड़ी ओपनिंग दे सकते हैं और दर्शकों का ध्यान खींच सकते हैं, "लेकिन अगर कहानी में दम नहीं है, तो दर्शक टिकेंगे नहीं।" उन्होंने हमेशा यही माना है कि सितारे शुरुआत में दर्शकों को खींच सकते हैं, लेकिन दर्शक तभी लौटते हैं जब कहानी उनके दिल को छूती है। उनका प्रयास रहा है कि कंटेंट ही उनका असली स्टार बने। उन्होंने कहा, "ऑडियंस आज बहुत स्मार्ट है। उन्हें दिखावा नहीं, सच्चाई चाहिए। तो हां, स्टार पावर एक टॉर्च की तरह है, जो रोशनी देती है, लेकिन रास्ता तो कहानी ही तय करती है।"