20 जुलाई 2025 को नसीरुद्दीन शाह अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं. भारतीय सिनेमा के इस महान अभिनेता के करियर, बेमिसाल अभिनय और यादगार किरदारों पर एक नज़र. जानें क्यों उन्हें कहा जाता है 'अभिनय का विश्वविद्यालय'.
By: Star News
Jul 11, 202523 hours ago
स्टार समाचार वेब. एंटरटेनमेंट डेस्क
भारतीय सिनेमा के मंच पर कुछ कलाकार ऐसे होते हैं, जो सिर्फ अभिनय नहीं करते, बल्कि उसे जीते हैं. ऐसे ही एक महारथी हैं नसीरुद्दीन शाह, जिनकी आवाज़, आँखें और हर हावभाव किरदार में जान फूंक देते हैं. 20 जुलाई 2025 को यह लीजेंड अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं, और इस अवसर पर उनके बेमिसाल फिल्मी सफर को याद करना तो बनता है.
नसीरुद्दीन शाह का करियर दशकों लंबा है, जिसमें उन्होंने समानांतर सिनेमा से लेकर मसाला फिल्मों तक, हर विधा में अपनी छाप छोड़ी है. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से निकले इस हीरे ने अपने शुरुआती दिनों में ही यह साबित कर दिया था कि वे सिर्फ चेहरा नहीं, बल्कि अभिनय का एक पूरा स्कूल हैं.
उन्होंने 'निशांत', 'मंथन', 'आक्रोश', 'स्पर्श', 'चक्र' जैसी फिल्मों में अपनी गंभीर और सशक्त भूमिकाओं से दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया. उनकी आँखें बिना कुछ कहे भी बहुत कुछ कह जाती थीं. वहीं, 'जाने भी दो यारो', 'मासूम' और 'कथा' जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी सहज कॉमिक टाइमिंग और मानवीय संवेदनाओं को खूबसूरती से पर्दे पर उतारा. उन्होंने कभी खुद को किसी दायरे में बांधा नहीं; चाहे वह 'त्रिकाल' का रहस्यमय किरदार हो या 'मिर्च मसाला' का क्रूर सूबेदार.
नसीरुद्दीन शाह की सबसे बड़ी खासियत उनकी बहुमुखी प्रतिभा है. 'सरफरोश' में Gulfam Hassan का जटिल किरदार हो या 'इकबाल' में एक ऐसे कोच का, जो गूंगे-बहरे लड़के के सपने को उड़ान देता है, उन्होंने हर भूमिका को अमर कर दिया. 'अ वेडनेसडे!' में एक आम आदमी के गुस्से और हताशा को उन्होंने जिस तरह दर्शाया, वह आज भी दर्शकों के ज़हन में ताज़ा है.
उनकी दमदार आवाज़ और संवाद अदायगी भी उनकी पहचान रही है. उनकी आवाज़ में एक ऐसी खनक है, जो सीधे दिल में उतर जाती है. वे सिर्फ पर्दे के ही नहीं, बल्कि मंच के भी मंझे हुए कलाकार हैं. रंगमंच के प्रति उनका समर्पण भी जगजाहिर है.
तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, तीन फिल्मफेयर पुरस्कार और भारत सरकार द्वारा दिए गए पद्म श्री व पद्म भूषण जैसे सम्मान नसीरुद्दीन शाह के अमूल्य योगदान के महज प्रतीक हैं. असली सम्मान तो वह है जो उन्हें अपने करोड़ों प्रशंसकों के दिलों में मिला है.
आज जब वे अपने जीवन के 75वें पड़ाव पर खड़े हैं. नसीरुद्दीन शाह एक ऐसे अभिनेता हैं, जो हर पीढ़ी के कलाकारों और दर्शकों को प्रेरित करते रहेंगे.