नीट यूजी 2026 के लिए एनएमसी (NMC) ने नया और अपडेटेड सिलेबस आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। परीक्षा से 5 महीने पहले जारी इस सिलेबस के आधार पर ही तैयार होगा प्रश्न पत्र।
By: Ajay Tiwari
Dec 26, 20257:21 PM
नई दिल्ली | एजुकेशन डेस्क
मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देख रहे छात्रों के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। यूजी मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (UGMEB) द्वारा नीट यूजी 2026 (NEET UG 2026) के लिए पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह अपडेटेड सिलेबस एनएमसी की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया गया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि आगामी नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र इसी नए और संशोधित पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार किया जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, नीट यूजी 2026 की परीक्षा में अब लगभग 5 महीने का समय शेष है। हालांकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने अभी तक आधिकारिक परीक्षा तिथि की घोषणा नहीं की है, लेकिन पिछले वर्षों के रुझानों को देखते हुए यह माना जा रहा है कि परीक्षा मई 2026 के पहले रविवार को आयोजित की जा सकती है। ऐसे में अंतिम समय में जारी यह अपडेटेड सिलेबस छात्रों की तैयारी की दिशा तय करने में निर्णायक साबित होगा।
एनएमसी द्वारा जारी इस नए सिलेबस में कक्षा 11वीं और 12वीं के कोर एलिमेंट्स पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के कई अध्यायों में सूक्ष्म बदलाव किए गए हैं ताकि छात्रों के व्यावहारिक और प्रायोगिक कौशल (Experimental Skills) का बेहतर परीक्षण हो सके। विशेषज्ञों का कहना है कि नए सिलेबस में कुछ पुराने टॉपिक्स को हटाकर आधुनिक मेडिकल साइंस के लिए जरूरी विषयों को शामिल किया गया है।
| विषय | प्रमुख कवर्ड चैप्टर्स (संक्षेप में) |
| फिजिक्स | गति विज्ञान, गुरुत्वाकर्षण, ऊष्मागतिकी, प्रकाशिकी, परमाणु एवं नाभिक, प्रायोगिक कौशल। |
| केमिस्ट्री | रासायनिक ऊष्मागतिकी, विलयन, पी-ब्लॉक तत्व, जैव-अणु, प्रायोगिक रसायन के सिद्धांत। |
| बायोलॉजी | कोशिका संरचना, पादप एवं मानव शरीर क्रिया विज्ञान, आनुवंशिकी, जैव प्रौद्योगिकी, पारिस्थितिकी। |
आयोग ने सभी हितधारकों और छात्रों को सलाह दी है कि वे केवल आधिकारिक वेबसाइट से ही सिलेबस की पीडीएफ डाउनलोड करें और उसी के अनुरूप अपनी अध्ययन योजना तैयार करें। यह भी ध्यान देने योग्य है कि विभिन्न चैप्टर्स का 'वेटेज' अलग-अलग होगा, इसलिए प्रायोगिक खंडों (Practical/Experimental sections) पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस अपडेट के बाद अब छात्रों के पास सीमित समय है, जिसमें उन्हें नए टॉपिक्स को कवर करने के साथ-साथ पुराने सिलेबस के साथ सामंजस्य बिठाना होगा।