Description नवंबर 2025 में आने वाले सभी प्रमुख तीज-त्योहारों की तारीखें और शुभ कार्य जानें। इसमें कार्तिक पूर्णिमा, मार्गशीर्ष मास, उत्पन्ना एकादशी और श्रीराम विवाहोत्सव शामिल हैं।
By: Ajay Tiwari
Nov 03, 20256:03 PM
स्टार समाचार वेब. धर्म डेस्क
साल 2025 का ग्यारहवाँ महीना यानी नवंबर शुरू हो चुका है, और हिन्दी पंचांग के अनुसार यह महीना कई बड़े और महत्वपूर्ण व्रत-पर्व लेकर आया है। इस दौरान कार्तिक पूर्णिमा, मार्गशीर्ष मास का प्रारंभ, उत्पन्ना एकादशी, मार्गशीर्ष अमावस्या और विवाह पंचमी जैसे प्रमुख उत्सव मनाए जाएँगे।
नवंबर 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहार
| तारीख (2025) | दिन | प्रमुख व्रत/त्योहार | महत्व और शुभ कार्य |
| 2 नवंबर | रविवार | देवउठनी एकादशी (दूसरा दिन) | कुछ क्षेत्रों में एकादशी का व्रत किया जाएगा। शाम को तुलसी के पास दीपक जलाकर पूजा करना शुभ। |
| 3 नवंबर | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत | भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित। शाम को प्रदोष काल में शिव जी का अभिषेक और पूजा करें। |
| 4 नवंबर | मंगलवार | बैकुंठ चतुर्दशी और मणिकर्णिका स्नान | भगवान विष्णु और शिव की संयुक्त पूजा का विशेष महत्व। पवित्र नदियों में स्नान करें या घर के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। |
| 5 नवंबर | बुधवार | कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली और गुरु नानक जयंती | पवित्र नदियों (गंगा, नर्मदा आदि) में स्नान, दान और दीपदान का पर्व। शाम को मंदिरों और घाटों पर दीप जलाएँ। |
| 6 नवंबर | गुरुवार | मार्गशीर्ष मास का प्रारंभ | कार्तिक मास के समापन के बाद अगहन मास शुरू। इस महीने में भगवान कृष्ण की पूजा और नदी स्नान का विशेष महत्व है। |
| 8 नवंबर | शनिवार | गणेश चतुर्थी व्रत | संतान की कामना से भगवान गणेश का व्रत रखें। रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलें। |
| 12 नवंबर | बुधवार | कालभैरव जयंती (कालाष्टमी) | भगवान शिव के रुद्र रूप, कालभैरव को समर्पित दिन। इस दिन कालभैरव की पूजा और व्रत करना फलदायी है। |
| 15 नवंबर | शनिवार | उत्पन्ना एकादशी | मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी। इसे एकादशी माता की जयंती भी मानते हैं। भगवान विष्णु के लिए व्रत रखें और बाल गोपाल का अभिषेक करें। |
| 17 नवंबर | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत और वृश्चिक संक्रांति | सूर्य देव का वृश्चिक राशि में प्रवेश। सुबह सूर्य देव को अर्घ्य दें। शाम को शिव पूजा और दान-पुण्य करें। |
| 19 नवंबर | बुधवार | मार्गशीर्ष अमावस्या (श्राद्ध अमावस्या) | पितरों के निमित्त धूप-ध्यान, तर्पण और दान-पुण्य करने का दिन। |
| 24 नवंबर | सोमवार | विनायक चतुर्थी | भगवान गणेश को समर्पित व्रत। इस दिन व्रत रखकर विधिवत गणेश जी की पूजा करें। |
| 25 नवंबर | मंगलवार | विवाह पंचमी (श्रीराम विवाहोत्सव) | भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह का शुभ उत्सव। मंदिरों और घरों में राम-सीता का विशेष अभिषेक और विवाहोत्सव मनाया जाता है। |