केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस के बाद अब Ola, Uber, Rapido और inDrive जैसी ऐप-आधारित टैक्सी सेवाओं पर पीक आवर्स में बेस किराए का दोगुना तक शुल्क लग सकता है. जानें नए नियमों के प्रभाव और कब से होंगे लागू.
By: Star News
Jul 02, 202513 hours ago
हाइलाइट्स..
नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब.
केंद्र सरकार ने ऐप-आधारित टैक्सी सेवाओं, जैसे ओला, उबर, रैपिडो और इनड्राइव के लिए नई मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 जारी कर दी हैं. इन नए नियमों का मकसद ग्राहकों और ड्राइवरों, दोनों के हितों को संतुलित करना है. अब इन कंपनियों को पीक आवर्स में बेस फेयर का दोगुना (2x) किराया वसूलने की छूट मिल गई है, जो पहले अधिकतम 1.5 गुना था. साथ ही, राइड कैंसिल करने वाले ड्राइवरों पर जुर्माना और न्यूनतम किराया सुनिश्चित करने जैसे अहम प्रावधान भी शामिल किए गए हैं.
पीक आवर्स में दोगुना किराया (2x):
सुबह 8 बजे से 11 बजे और शाम 5 बजे से 9 बजे के बीच व्यस्त समय में अब बेस फेयर का अधिकतम 2 गुना तक किराया लिया जा सकेगा.
पहले यह सीमा 1.5 गुना थी.
उदाहरण: अगर बेस फेयर ₹100 है, तो पीक टाइम में किराया ₹200 तक हो सकता है.
नॉन-पीक टाइम में न्यूनतम किराया तय:
कम मांग वाले समय में, यानी नॉन-पीक आवर्स में, किराया बेस फेयर का कम से कम 50% होगा.
इससे ड्राइवरों की आय में स्थिरता आएगी और उन्हें कम राइड मिलने पर भी नुकसान नहीं होगा.
ड्राइवर द्वारा राइड कैंसिल करने पर जुर्माना:
यदि ड्राइवर बिना किसी उचित कारण के राइड कैंसिल करता है, तो उस पर बेस किराए का 10% तक जुर्माना लगेगा.
अधिकतम जुर्माना ₹100 तय किया गया है, ताकि कैंसिलेशन की समस्या पर लगाम लगाई जा सके.
सभी ड्राइवरों के लिए बीमा अनिवार्य:
नई गाइडलाइंस के तहत, सभी कैब या बाइक टैक्सी ड्राइवरों को अब ₹5 लाख का बीमा कवर देना अनिवार्य होगा.
यह प्रावधान ड्राइवर और यात्रियों, दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.
बेस किराया शहर और वाहन के प्रकार के अनुसार राज्य सरकारें तय करती हैं, क्योंकि परिवहन राज्यों का विषय है. इस पर स्थानीय ट्रैफिक की स्थिति, तय की जाने वाली दूरी और वाहन की श्रेणी (जैसे बाइक, ऑटो, या टैक्सी) के आधार पर निर्णय लिया जाता है.
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से सितंबर 2025 तक इन नियमों को लागू करने को कहा है. इसके लिए राज्यों को अपने-अपने परिवहन नियमों में आवश्यक संशोधन करने होंगे.