31 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) का विस्तृत पंचांग। जानें कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि, अक्षय नवमी, धनिष्ठा नक्षत्र, वृद्धि योग, शुभ मुहूर्त (अभिजीत), राहुकाल और दिशा शूल।
By: Star News
Oct 31, 20251:36 AM
स्टार समाचार वेब. धर्म डेस्क
31 अक्टूबर 2025 का दिन शुक्रवार है और यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की तिथि है। इस दिन अक्षय नवमी का पावन पर्व मनाया जाएगा।
तिथि: नवमी (सुबह 10:03 बजे तक, इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी।)
पर्व/त्योहार: अक्षय नवमी (आंवला नवमी)
मान्यता है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य, दान-पुण्य या पूजा-पाठ का फल अक्षय (कभी न खत्म होने वाला) होता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करना और उसके नीचे भोजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
मास: कार्तिक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
ऋतु: हेमंत
सूर्योदय: प्रातः 06:32 बजे
सूर्यास्त: सायं 05:36 बजे
चंद्रोदय: दोपहर 01:42 बजे
चंद्रास्त: अगले दिन (1 नवंबर) भोर में 12:42 बजे
सूर्य राशि: तुला
चंद्र राशि: मकर (प्रातः 06:48 बजे तक, इसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश)
नक्षत्र: धनिष्ठा (सायं 06:51 बजे तक, इसके बाद शतभिषा नक्षत्र)
धनिष्ठा नक्षत्र के देवता वसु हैं और शतभिषा नक्षत्र के देवता वरुण हैं।
योग: वृद्धि (अगले दिन, 1 नवंबर, प्रातः 04:32 बजे तक, इसके बाद ध्रुव योग)
वृद्धि योग शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
करण: कौलव (सुबह 10:03 बजे तक) > तैतिल (रात 09:43 बजे तक) > गर
किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ-अशुभ समय का विचार अवश्य करना चाहिए।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:32 बजे तक
यह दिन का सबसे शुभ समय होता है, जिसमें प्रायः सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:49 बजे से प्रातः 05:41 बजे तक
रवि योग: पूरे दिन (यह अशुभताओं को दूर करने वाला और शुभ फल देने वाला योग है।)
राहुकाल: प्रातः 10:41 बजे से दोपहर 12:04 बजे तक
राहुकाल में कोई भी नया या शुभ कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए।
यमगण्ड: प्रातः 06:32 बजे से प्रातः 07:55 बजे तक
गुलिक काल: प्रातः 07:55 बजे से प्रातः 09:18 बजे तक
दिशा शूल: पश्चिम (इस दिशा में यात्रा करने से बचें। यदि आवश्यक हो तो जौ खाकर घर से निकलें।)