×

पितृ पक्ष: पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए धार्मिक विधान के दिन

पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं, वह 16 दिवसीय अवधि है जब हम अपने दिवंगत पूर्वजों को याद करते हैं। इस दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करके पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।

By: Ajay Tiwari

Sep 01, 20258:19 AM

view15

view0

पितृ पक्ष: पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए धार्मिक विधान के दिन

स्टार समाचार वेब. धर्म डेस्क

हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है, जो हमारे पूर्वजों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का समय होता है। यह 16 दिनों की अवधि होती है, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं, जिसमें हम अपने पितरों (पूर्वजों) को श्रद्धापूर्वक याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए धार्मिक कार्य करते हैं।

पितृ पक्ष का इतिहास और महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी। माना जाता है कि जब दानवीर कर्ण का निधन हुआ और उनकी आत्मा स्वर्ग पहुंची, तो उन्हें भोजन के रूप में सोना और चांदी परोसा गया। कर्ण ने देवताओं से पूछा कि उन्हें ऐसा भोजन क्यों दिया जा रहा है, तो उन्हें बताया गया कि उन्होंने जीवन भर केवल इन्हीं चीजों का दान किया, लेकिन अपने पितरों के लिए कभी कोई दान नहीं किया। तब कर्ण ने अपनी गलती स्वीकार की और उन्हें 16 दिनों के लिए पृथ्वी पर वापस भेजा गया ताकि वे अपने पूर्वजों को श्राद्ध और तर्पण कर सकें। यही 16 दिन पितृ पक्ष कहलाए।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इन 16 दिनों में पितर अपने वंशजों के घर आते हैं और उनके द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और दान को स्वीकार करते हैं। पितरों के आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। यह भी माना जाता है कि श्राद्ध करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

श्राद्ध और तर्पण की विधि

श्राद्ध कर्म करने के लिए कुछ विशेष नियम और विधियाँ हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है:

1. सही समय और स्थान: श्राद्ध हमेशा दोपहर के समय (कुतुप मुहूर्त) में करना चाहिए। यह किसी पवित्र नदी के किनारे या घर के आंगन में किया जा सकता है।

2. आवश्यक सामग्री: श्राद्ध के लिए जौ, काले तिल, चावल, गंगाजल, फूल, धूप और कुश (एक प्रकार की घास) की आवश्यकता होती है।

3. तर्पण विधि:

  • श्राद्ध से पहले तर्पण किया जाता है, जिसका अर्थ है जल से पितरों को तृप्त करना।

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठें।

  • हाथ में जल, काले तिल और जौ लेकर पितरों का नाम लेते हुए सीधे हाथ के अंगूठे और तर्जनी के बीच से जल को जमीन पर गिराएं।

  • तर्पण के दौरान "ॐ अमुक गोत्र पितृभ्यः नमः" मंत्र का जाप किया जाता है। ('अमुक' के स्थान पर अपने पितरों का गोत्र का नाम लें)।

4. पिंडदान और भोजन:

  • तर्पण के बाद पिंडदान किया जाता है, जिसमें चावल, जौ और तिल से बने पिंडों को पितरों को अर्पित किया जाता है।

  • श्राद्ध के भोजन में पूड़ी, खीर, सब्ज़ियाँ और मिठाई बनाई जाती है।

  • सबसे पहले यह भोजन गाय, कौआ, कुत्ता और चींटी को खिलाया जाता है, क्योंकि ये पितरों का प्रतीक माने जाते हैं।

  • इसके बाद ही घर के सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं।

सर्वपितृ अमावस्या का महत्व

यदि किसी व्यक्ति को अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि ज्ञात न हो, तो वह सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकता है। यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है, जब सभी अज्ञात पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस दिन श्राद्ध करने से सभी पितरों को शांति मिलती है।

COMMENTS (0)

RELATED POST

09 नवंबर का मूलांक फल: जानें 1 से 9 तक के अंकों का आज का अंक ज्योतिष फल

1

0

09 नवंबर का मूलांक फल: जानें 1 से 9 तक के अंकों का आज का अंक ज्योतिष फल

09 नवंबर का मूलांक फल जानिए — अंक 1 से 9 तक वालों के लिए आज का दिन कैसा रहेगा। प्रेम, करियर, स्वास्थ्य और धन से जुड़ी अंक ज्योतिषीय भविष्यवाणियां।

Loading...

Nov 09, 20253:26 AM

कलयुग में बढ़ता हुआ नंदी महाराज का मंदिर: जानिए यागंती उमा महेश्वर मंदिर का रहस्य और इतिहास

1

0

कलयुग में बढ़ता हुआ नंदी महाराज का मंदिर: जानिए यागंती उमा महेश्वर मंदिर का रहस्य और इतिहास

आंध्र प्रदेश का यागंती उमा महेश्वर मंदिर अपने रहस्यमयी नंदी महाराज के कारण प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां पत्थर के बने नंदी महाराज का आकार हर 20 साल में बढ़ता है। जानिए मंदिर का इतिहास, रहस्य और मान्यता।

Loading...

Nov 08, 20254:46 PM

8 नवंबर 2025 का मूलांक फल | Numerology Predictions for 8 Nov 2025

1

0

8 नवंबर 2025 का मूलांक फल | Numerology Predictions for 8 Nov 2025

8 नवंबर 2025 के दिन अपने मूलांक (1 से 9) के अनुसार जानें अपनी दैनिक भविष्यवाणी। कैसा रहेगा आपका भाग्य, करियर, और निजी जीवन?

Loading...

Nov 08, 20251:41 AM

8 नवंबर 2025 राशिफल: मेष से मीन तक का विस्तृत भविष्यफल | Aaj Ka Rashifal

1

0

8 नवंबर 2025 राशिफल: मेष से मीन तक का विस्तृत भविष्यफल | Aaj Ka Rashifal

जानें 8 नवंबर 2025 को सभी 12 राशियों (मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन) के लिए करियर, प्रेम, स्वास्थ्य और वित्त का विस्तृत राशिफल।

Loading...

Nov 08, 20251:36 AM

8 नवंबर 2025 का पंचांग: मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्थी, शुभ मुहूर्त और गणाधिप संकष्टी का महत्व

1

0

8 नवंबर 2025 का पंचांग: मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्थी, शुभ मुहूर्त और गणाधिप संकष्टी का महत्व

8 नवंबर 2025, शनिवार का विस्तृत पंचांग जानें। इसमें तिथि (कृष्ण पक्ष तृतीया/चतुर्थी), नक्षत्र (मृगशिरा), योग (शिव/सिद्ध) और शुभ-अशुभ समय शामिल है। इस दिन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।

Loading...

Nov 08, 20251:26 AM