आज 03 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना की संसद को संबोधित किया। इस पहले ऐतिहासिक संबोधन में उन्होंने भारत-अफ्रीका सहयोग, G20 में AU की सदस्यता, विकास साझेदारी और आतंकवाद पर बात की। जानें संबोधन के मुख्य बिंदु।
By: Star News
Jul 03, 20252 hours ago
अकरा (घाना): स्टार समाचार वेब.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी घाना यात्रा के दौरान घाना की संसद को संबोधित किया, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा घाना की संसद में दिया गया पहला संबोधन है। इस ऐतिहासिक अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और अफ्रीका के बीच सदियों पुराने संबंधों, साझा मूल्यों और भविष्य की साझेदारी पर गहनता से प्रकाश डाला
साझा इतिहास और भविष्य
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और घाना सहित पूरे अफ्रीका के बीच औपनिवेशिक विरासत और विकास की चुनौतियों से उबरने के साझा इतिहास को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दोनों क्षेत्र एक समान भविष्य की ओर अग्रसर हैं, जहां आपसी सहयोग से समृद्धि लाई जा सकती है।
विकास साझेदारी मॉडल
पीएम मोदी ने भारत के विकास साझेदारी मॉडल पर जोर दिया, जो अफ्रीकी देशों की प्राथमिकताओं और जरूरतों पर आधारित है, न कि किसी थोपी गई शर्त पर। उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीका की क्षमता निर्माण, कौशल विकास और तकनीकी प्रगति में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है।
G20 में अफ्रीकी संघ की स्थायी सदस्यता
प्रधानमंत्री ने अपनी G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ (AU) को G20 की स्थायी सदस्यता दिलाने में भारत की भूमिका पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने इसे ग्लोबल साउथ की आवाज को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन
मोदी ने आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए एक बड़ी चुनौती बताते हुए इससे निपटने के लिए मजबूत वैश्विक सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी चिंता व्यक्त की और नवीकरणीय ऊर्जा व सतत विकास के लिए भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
व्यापार और निवेश को बढ़ावा
उन्होंने भारत और घाना के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री ने भारतीय कंपनियों को घाना में निवेश करने और घाना की कंपनियों को भारत के विशाल बाजार का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
लोकतंत्र और विविधता
पीएम मोदी ने भारत और घाना दोनों को जीवंत लोकतंत्रों के रूप में सराहा, जो विविधता का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश लोकतंत्र और बहुलवाद के आदर्शों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
प्रधानमंत्री के बोधन को भारत की 'अफ्रीका के लिए प्राथमिकता' नीति की एक और महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है, जो भारत और अफ्रीकी महाद्वीप के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य रखती है। यह यात्रा भारत की वैश्विक भूमिका और विशेष रूप से विकासशील देशों के साथ मजबूत संबंध बनाने की उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।