सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के उस मनमाने निर्णय को रद्द कर दिया है, जिसमें GNM और ANM कोर्स के लिए 12वीं में बायोलॉजी विषय को अनिवार्य कर दिया गया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब राज्य में प्रवेश इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) के नियमों के आधार पर होगा, जिससे आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम के छात्र भी इन रोजगारोन्मुख कोर्सों में दाखिला ले सकेंगे। कोर्ट ने साथ ही इन नर्सिंग कोर्सों की प्रवेश परीक्षा की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है।
By: Ajay Tiwari
Oct 19, 202542 minutes ago
हाइलाइट्स
भोपाल. नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब.
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के एक महत्वपूर्ण निर्णय को ख़ारिज कर दिया है। इस आदेश के बाद, राज्य में GNM (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) और ANM (ऑक्जीलरी नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) कोर्सों में दाखिला अब इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) के निर्धारित नियमों के अनुसार ही होगा।
INC के दिशानिर्देशों के तहत, 12वीं कक्षा किसी भी विषय समूह से पास करने वाले छात्र इन नर्सिंग कोर्सों में प्रवेश के पात्र होते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने मनमाना नियम बनाते हुए बायोलॉजी विषय को अनिवार्य कर दिया था। इस नियम के चलते, कला और वाणिज्य संकाय के हजारों छात्र इन कोर्सों में प्रवेश लेने से वंचित हो रहे थे।
INC के दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य
मध्य प्रदेश प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने काउंसिल के इस कदम को "छात्रों के साथ अन्यायपूर्ण" बताया। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अब राज्य सरकार और संबंधित अथॉरिटी को INC द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का ही अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रणीत जैन ने इस फैसले को विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों के लिए अत्यधिक फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक युवाओं के GNM और ANM जैसे रोजगारपरक कोर्सों में प्रवेश लेने से न केवल रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तर में भी सुधार आएगा।
अदालत ने GNM, ANM, पोस्ट बेसिक और MSc नर्सिंग कोर्सों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया है, जिससे छात्रों के लिए दाखिला प्रक्रिया अब और भी सुगम हो गई है।