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22 नवंबर 2025: जानें शनिवार का विस्तृत पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और चंद्र दर्शन का महत्व

22 नवंबर 2025, शनिवार का विस्तृत पंचांग। मार्गशीर्ष शुक्ल द्वितीया तिथि, राहुकाल, शुभ-अशुभ मुहूर्त और इस दिन मनाए जाने वाले चंद्र दर्शन पर्व की पूरी जानकारी

By: Star News

Nov 22, 20251:00 AM

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22 नवंबर 2025: जानें शनिवार का विस्तृत पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और चंद्र दर्शन का महत्व

22 नवंबर 2025 का विस्तृत पंचांग: शुभ-अशुभ समय और महत्वपूर्ण जानकारी

धर्म डेस्क. स्टार समाचार वेब

22 नवंबर 2025, शनिवार का दिन है। यह तिथि मार्गशीर्ष मास (अगहन) के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को चिन्हित करती है। यह दिन भगवान शनिदेव की आराधना और हनुमान जी को समर्पित है, जो इस दिन को विशेष बल प्रदान करता है। पंचांग के अनुसार ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति इस दिन को शुभ-अशुभ फल प्रदान करने वाली है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले पंचांग के शुभ-अशुभ मुहूर्त और योग को जानना अत्यंत आवश्यक है।

पंचांग विवरण

22 नवंबर 2025, शनिवार, हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष (अगहन) मास के शुक्ल पक्ष की तिथि है।

  • तिथि: द्वितीया - सायं 05 बजकर 11 मिनट तक। इसके बाद तृतीया तिथि का आरंभ होगा।

  • नक्षत्र: ज्येष्ठा - सायं 04 बजकर 47 मिनट तक। इसके बाद मूल नक्षत्र का आरंभ होगा।

  • वार: शनिवार

  • योग: सुकर्मा - पूर्वाह्न 11 बजकर 30 मिनट तक।

  • करण: कौलव - सायं 05 बजकर 11 मिनट तक।

  • मास: मार्गशीर्ष (हेमंत ऋतु)

  • विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)

  • शक संवत: 1947 (विश्वावसु)

  • सूर्य राशि: वृश्चिक

  • चंद्र राशि: वृश्चिक (सायं 04 बजकर 47 मिनट तक), इसके बाद धनु राशि में प्रवेश।

सूर्य और चंद्र से संबंधित जानकारी

  • सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 49 मिनट पर (लगभग)

  • सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 24 मिनट पर (लगभग)

  • चंद्रोदय: प्रातः 08 बजकर 06 मिनट पर (लगभग)

  • चंद्रास्त: सायं 06 बजकर 30 मिनट पर (लगभग)

शुभ और अशुभ समय (मुहूर्त)

शुभ और अशुभ समय स्थान के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है।

शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक। यह दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है।

  • ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05 बजकर 01 मिनट से प्रातः 05 बजकर 55 मिनट तक (जागने और ध्यान के लिए उत्तम)।

अशुभ मुहूर्त

  • राहुकाल: प्रातः 09 बजकर 27 मिनट से प्रातः 10 बजकर 47 मिनट तक। (इस समय कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू करने से बचना चाहिए।)

  • यमगण्ड: दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से दोपहर 02 बजकर 46 मिनट तक (लगभग)।

  • गुलिक काल: प्रातः 06 बजकर 49 मिनट से प्रातः 08 बजकर 09 मिनट तक (लगभग)।

आज का महत्वपूर्ण पर्व/त्योहार

इस दिन चंद्र दर्शन का शुभ पर्व मनाया जाएगा। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर चंद्र दर्शन का विशेष महत्व होता है। इस दिन शाम को चंद्रमा के दर्शन और पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

आज के दिन का ज्योतिषीय महत्व

आज शनिवार है, इसलिए इस दिन शनिदेव की पूजा करना, दान करना और पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। ज्येष्ठा नक्षत्र के उपरांत मूल नक्षत्र होने से, इस समय जन्मे जातकों पर संबंधित ग्रहों का प्रभाव रहेगा।

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