अमेरिकी राष्ट्रपति पद की कमान संभालने के बाद ट्रंप ने ग्रीनलैंड पर कब्जा करने की बात कही थी। ट्रंप की विस्तारवादी नीति पर कई देशों के कान खड़े हो गए थे। वहीं, अब ट्रंप ने एक बार फिर ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल करने के संकेत दिए हैं। ट्रंप ने कहा-अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ग्रीनलैंड की जरूरत है।
By: Arvind Mishra
Dec 23, 202510:31 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
अमेरिकी राष्ट्रपति पद की कमान संभालने के बाद ट्रंप ने ग्रीनलैंड पर कब्जा करने की बात कही थी। ट्रंप की विस्तारवादी नीति पर कई देशों के कान खड़े हो गए थे। वहीं, अब ट्रंप ने एक बार फिर ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल करने के संकेत दिए हैं। ट्रंप ने कहा-अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ग्रीनलैंड की जरूरत है। साथ ही उन्होंने आर्कटिक आइलैंड के लिए खास राजदूत की भी नियुक्ति की है, जो इस पूरे मिशन का दारोमदार संभालेंगे। ट्रंप ने लुइसियाना के गवर्नर जेफ लैंड्री को ग्रीनलैंड का विशेष दूत बनाया है। इसे लेकर डेनमार्क और ग्रीनलैंड ने अमेरिका की आलोचना शुरू कर दी है।
इसलिए ग्रीनलैंड पर ट्रंप की नजर
ट्रंप ने ग्रीनलैंड में खनिज संसाधनों और रणनीतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इसे अमेरिकी प्रशासन का हिस्सा बनाने की वकालत की है। वहीं, लैंड्री भी ट्रंप के फैसले का समर्थन करते हैं। हमें खनिज पदार्थों के लिए, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ग्रीनलैंड की जरूरत है। ग्रीनलैंड के चारों तरफ रूसी और चीनी जहाज देखने को मिलते हैं। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमें ग्रीनलैंड की जरूरत है। ट्रंप के फैसले पर नाराजगी जताते हुए ग्रीनलैंड के पीएम जेन्स फ्रेडरिक नीलसन ने कहा-ग्रीनलैंड यहां के लोगों का है और कोई दूसरा देश अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का तर्क देकर इस पर कब्जा नहीं कर सकता है।
ग्रीनलैंड में मिनरल्स का भंडार
ग्रीनलैंड की आबादी 57,000 है। डेनिश की कॉलोनी रहे इस आइलैंड को 2009 में स्वतंत्र घोषित कर दिया गया था। हालांकि, आज भी यह आइलैंड काफी हद तक डेनिश सब्सिडी पर निर्भर है। वहीं, ग्रीनलैंड में मिनरल्स का भंडार है। यही वजह है कि ग्रीनलैंड पर कब्जा करके अमेरिका चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। साथ ही ग्रीनलैंड में बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम स्थापित करके अमेरिका रूस को भी करारी टक्कर दे सकता है।
मदुरो अब छोड़ दें राष्ट्रपति की कुर्सी
इधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ-साफ और स्पष्ट रूप से कहा है कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो के लिए ये समझदारी होगी कि वह कुर्सी छोड़ दें। नहीं तो वह आखिरी बार सख्ती दिखा पाएंगे। ट्रंप की चेतावनी तब आई है जब वाशिंगटन वेनेजुएला के तेल शिपमेंट को निशाना बनाते हुए नौसैनिक नाकाबंदी अभियान को तेज कर दिया है। इस बीच अमेरिकी सेना कैस्पियन सागर में वेनेजुएला के तीसरे तेल से भरे जहाज को जब्त करने के लिए इसका पीछा कर रही है। ट्रंप ने कहा कि उनकी सेना इस जहाज को भी जब्त करेगी। ट्रंप के इस बयान से ये भी स्पष्ट हुआ है कि अमेरिका वेनेजुएला में सत्ता परिवर्तन चाहता है।
मदुरो ने कहा- ट्रंप अपने देश पर दें ध्यान
ट्रंप की इस धमकी का मदुरो ने कुछ ही घंटों में जवाब दिया। ट्रंप की टिप्पणियों को खारिज कर दिया वेनेजुएला ने अमेरिकी राष्ट्रपति से देश के अंदरूनी मामलों पर ध्यान देने का आग्रह किया। वेनेजुएला के नेता ने कहा कि ट्रंप के लिए किसी दूसरे देश को धमकी देने के बजाय अपने देश की आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों पर ध्यान देना बेहतर होगा। अगर वह अपने देश में आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान दें तो उनके लिए बेहतर होगा, और अगर वह अपने देश के मामलों का ध्यान रखें तो दुनिया में भी उनके लिए बेहतर होगा।