केरल कैडर के सेवानिवृत्त 1980 बैच के आईएएस अमिताभ कांत ने सोमवार को जी-20 शेरपा के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। कांत को भारत द्वारा जी-20 प्रेसीडेंसी संभालने से कुछ महीने पहले जुलाई 2022 में भारत के जी-20 शेरपा के रूप में नियुक्त किया गया था।
By: Prafull tiwari
Jun 16, 20254 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार बेव
केरल कैडर के सेवानिवृत्त 1980 बैच के आईएएस अमिताभ कांत ने सोमवार को जी-20 शेरपा के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। कांत को भारत द्वारा जी-20 प्रेसीडेंसी संभालने से कुछ महीने पहले जुलाई 2022 में भारत के जी-20 शेरपा के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपनी सरकारी सेवा में 45 वर्षों के दौरान विविध कार्यभार संभाले। दरअसल, अमिताभ कांत लिंक्डइन पर माय न्यू जर्नी शीर्षक से एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा-45 साल की समर्पित सरकारी सेवा के बाद मैंने नए अवसरों को अपनाने और जीवन में आगे बढ़ने का फैसला किया है। मैं जी-20 शेरपा के रूप में मेरा इस्तीफा स्वीकार करने और मुझे कई विकासात्मक पहलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री का आभारी हूं। मैं भारत की वृद्धि, विकास और प्रगति में योगदान करने का अवसर देने के लिए भी भारत के प्रधानमंत्री का आभारी व्यक्त करता हूं।
अमिताभ लिखा-2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता का नेतृत्व करना मेरे करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। जटिल वैश्विक चुनौतियों के बावजूद हमने नेताओं के घोषणापत्र पर सर्वसम्मति हासिल की और प्रमुख विकासात्मक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। भारत की जी-20 अध्यक्षता जन-केंद्रित और समावेशी थी, जिसकी बैठकें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित की गईं। इसने सहकारी संघवाद को मजबूत किया, स्थानीय संस्कृति का जश्न मनाया और देशभर में बुनियादी ढांचे को उन्नत किया।
नीति आयोग के सीईओ के रूप में मुझे आकांक्षी जिला कार्यक्रम जैसे पथ-प्रदर्शक कार्यक्रमों का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला, जिसने भारत के 115 सबसे अविकसित जिलों में आम नागरिकों के जीवन को बदल दिया। हमने भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की नींव रखने में मदद की और विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाया। विनिर्माण से लेकर पीएलआई योजनाओं तक, अटल इनोवेशन मिशन के माध्यम से नवाचार और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल के माध्यम से स्थिरता तक के प्रयासों ने भारत को नवाचार और जलवायु कार्रवाई में अग्रणी के रूप में स्थापित किया।
अमिताभ ने लिखा-औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मैंने सुधार और उदारीकरण पर ध्यान केंद्रित किया। मैंने व्यापार करने में आसानी, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी प्रमुख पहलों को आगे बढ़ाया। इनसे भारत के व्यापार परिदृश्य में बदलाव आया और देश को विश्व बैंक की रैंकिंग में 79 पायदान ऊपर चढ़ने में मदद मिली।'
अमिताभ कांत ने लिखा-मेरी यात्रा केरल से शुरू हुई, जहां मैंने जमीनी स्तर पर विकास के महत्व को सीखा। गॉड्स ओन कंट्री अभियान से लेकर मननचैरा मैदान को पुनर्जीवित करके कालीकट शहर का कायाकल्प करना, बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाना, कालीकट हवाई अड्डे का विस्तार करना और मछुआरा समुदाय के साथ मिलकर काम करना, इन अनुभवों ने मेरे करियर को आकार दिया। बाद में पर्यटन मंत्रालय में, हमने अतुल्य भारत अभियान शुरू किया। अंत में उन्होंने लिखा मेरे मंत्रियों निर्मला सीतारमण और डॉ. एस. जयशंकर और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, मैं आपके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए आभारी हूं। मेरे सभी सहयोगियों, मार्गदर्शकों और मित्रों आपकी प्रेरणा के लिए धन्यवाद। अब मैं मुक्त उद्यम, स्टार्टअप, थिंक टैंक और शैक्षणिक संस्थानों का समर्थन करके विकसित भारत की ओर भारत की परिवर्तनकारी यात्रा की प्रतीक्षा कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से अतुल्य रहा है और हमेशा रहेगा। एक छोटी सी भूमिका निभाकर विनम्र महसूस कर रहा हूं।