भोपाल की पिपलानी पुलिस पर एक बार फिर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं, खासकर इंजीनियर उदित गायकी की कथित पिटाई से हुई मौत के मामले के बाद। यह नया मामला 19 अक्टूबर की रात एक सड़क हादसे में जान गंवाने वाले 55 वर्षीय शेफ राम बहादुर से जुड़ा है।
By: Ajay Tiwari
Oct 23, 20254 hours ago
भोपाल. स्टार समाचार वेब
भोपाल की पिपलानी पुलिस पर एक बार फिर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं, खासकर इंजीनियर उदित गायकी की कथित पिटाई से हुई मौत के मामले के बाद। यह नया मामला 19 अक्टूबर की रात एक सड़क हादसे में जान गंवाने वाले 55 वर्षीय शेफ राम बहादुर से जुड़ा है।
राम बहादुर, जो अयोध्या नगर क्षेत्र के झील नगर में रहते थे और रत्नागिरी में एक रेस्टोरेंट में शेफ थे, 19-20 अक्टूबर की दरमियानी रात करीब 1:30 बजे स्कूटी से घर लौट रहे थे, तभी रत्नागिरी में एक अन्य दोपहिया वाहन से उनकी जोरदार टक्कर हो गई। हादसे में मौके पर ही उनकी मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस ने शव को अज्ञात मानकर गांधी मेडिकल कॉलेज की मर्चुरी में रखवा दिया था।
पिपलानी पुलिस पर लापरवाही का आरोप
तीन दिन बाद, गुरुवार को राम बहादुर के शव की शिनाख्त हुई और पोस्टमार्टम कराया गया। मृतक के परिजनों ने पुलिस की घोर लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। उनके भाई नीमकांत बहादुर का आरोप है कि जिस स्कूटी से एक्सीडेंट हुआ, वह उसी पते पर रजिस्टर्ड थी जहां वे रहते हैं। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि स्कूटी की डिक्की में मृतक का मोबाइल फोन और पहचान पत्र (आधार कार्ड) रखा था, जिसकी चाबी पुलिस के पास थी, लेकिन पुलिस ने डिक्की को चेक करने की जहमत नहीं उठाई।
तीन दिन बाद दी पुलिस ने मौत की सूचना
परिजनों ने बताया कि जब उन्हें तीन दिन बाद राम बहादुर की मौत की सूचना दी गई, तब भी उनका मोबाइल फोन ऑन था और उसमें परिवार सहित कई लोगों के मिस्ड कॉल थे, लेकिन पुलिस को उसकी रिंग तक सुनाई नहीं दी, जबकि फोन रिंग पर था। परिजनों का कहना है कि यदि पुलिस समय पर स्कूटी की तलाशी ले लेती और एड्रेस पर संपर्क करती, तो उन्हें समय पर सूचना मिल जाती और शव का पोस्टमार्टम भी समय पर हो जाता, जिससे बॉडी और अधिक खराब होने से बच जाती।