ब्रिटेन सरकार ने वीजा नियमों को कड़ा करते हुए विदेशी छात्रों और पेशेवरों के लिए नई शर्तें लागू की हैं। अब अंग्रेजी में बेहतर स्तर साबित करना होगा, वित्तीय योग्यता बढ़ाई गई है और पढ़ाई के बाद नौकरी खोजने का समय भी घटाया गया है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि इन बदलावों से भारतीय छात्रों और कामगारों की योजना पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
By: Sandeep malviya
Oct 14, 202511:10 PM
लंदन। ब्रिटेन सरकार ने आव्रजन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए विदेशियों के लिए वीजा नियमों को सख्त करने का एलान किया है। ब्रिटेन की संसद में पेश किए गए इन नियमों के तहत अब स्किल्ड वर्क वीजा के लिए आवेदन करने वालों को ए-लेवल (कक्षा 12) के बराबर अंग्रेजी (बी2 स्तर) बोलने, पढ़ने, लिखने और समझने की क्षमता साबित करनी होगी। यह 'सिक्योर इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट' जनवरी 8, 2026 से लागू होगा। बता दें कि ब्रिटेन सरकार द्वारा किए गए ये बदलाव विशेष रूप से भारतीय छात्रों और कामकाज करने वाले दुनियाभर के लोगों को प्रभावित करेंगे।
वीजा को लेकर इन बदलावों की जानकारी देते हुए गृह सचिव शबाना महमूद ने कहा कि अगर आप ब्रिटेन आना चाहते हैं, तो आपको हमारी भाषा सीखनी होगी और समाज में योगदान देना होगा। यह नियम इमिग्रेशन व्हाइट पेपर का हिस्सा है, जो अप्रवासन नियंत्रण को सख्त करने के लिए लाया गया है।
भारतीय छात्रों के लिए क्या बदला?
बात अगर भारतीय छात्रों के लिए हुए बदलावों की करें तो ब्रिटेन में पढ़ाई पूरी करने के बाद 'ग्रेजुएट रूट वीजा' के तहत नौकरी खोजने की मौजूदा 2 साल की अवधि को घटाकर 18 महीने कर दिया गया है। यह नियम एक जनवरी 2027 से लागू होगा। हालांकि, पीएचडी पास छात्रों को तीन साल की अनुमति पहले की तरह मिलती रहेगी। ब्रिटेन सरकार का कहना है कि यह बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि बहुत से छात्र ग्रेजुएट लेवल की नौकरियों में नहीं जा पा रहे थे, जिससे उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा था।
वीजा के लिए वित्तीय शर्तें भी बढ़ीं, समझिए क्या हुए अहम बदलाव
अब ये समझना होगा कि ब्रिटेन के लिए मिलने वाले वीजा में क्या और कितना वित्तीय बदलाव हुए है। ध्यान रहे कि ब्रिटेन में पढ़ाई या काम करने के लिए अब विदेशी नागरिकों को पहले से ज्यादा पैसे दिखाने होंगे, ताकि यह साबित हो सके कि वे अपना खर्च खुद उठा सकते हैं। छात्रों के लिए लागू किए नए नियम कि तहत 2025-26 सेशन से ब्रिटेन में पढ़ने वाले छात्रों को यह दिखाना होगा कि उनके पास रहने और खाने-पीने के लिए पर्याप्त पैसे हैं। इसके तहत लंदन में पढ़ने वाले छात्रों को हर महीने 1,529 पाउंड (करीब 1.80 लाख) दिखाना होगा। पहले यह रकम ख्1,483 ( करीब174000 रुपये) थी। इसके अलावा लंदन के बाहर पढ़ने वाले छात्रों को अब ख्1,171 (लगभग 138000 रुपये) प्रति माह दिखाना होगा। पहले यह ख् 1,136 (लगभग 133000 रुपये) था। इसका मतलब है कि वीजा मिलने से पहले आपको यह साबित करना होगा कि आप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं।
कंपनियों पर भी बढ़ा अतरिक्त बोझ
हालांकि ये बदलाव केवल छात्रों तक सीमित नहीं है। इसका असर कंपनियों पर भी अच्छा-खासा पड़ेगा। जो कंपनियां विदेशी कर्मचारी को नौकरी पर रखती हैं, उन्हें अब ज्यादा पैसे देने होंगे। इसके तहत छोटी या चैरिटी संस्थाओं को अब ख् 480 (लगभग 56,633 रुपये) एक व्यक्ति पर प्रति साल टैक्स देना होगा। पहले यह लगभग 42000 रुपये था। वहीं बड़ी कंपनियों को ख् 1,320 (लगभग 155000 रुपये) प्रति व्यक्ति, प्रति साल देना होगा। पहले यह ख् 1,000 (लगभग 117000 रुपये) के आसपास था।