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सीबीएसई का ऐतिहासिक फैसला: 2026 से साल में दो बार होंगी 10वीं बोर्ड परीक्षाएं

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब वर्ष 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी।

By: Ajay Tiwari

Jun 25, 20257:53 PM

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सीबीएसई का ऐतिहासिक फैसला: 2026 से साल में दो बार होंगी 10वीं बोर्ड परीक्षाएं

नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब वर्ष 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने इस नई प्रणाली की पुष्टि की है। 

क्या है नई व्यवस्था?
दो चरण में परीक्षा: 10वीं बोर्ड परीक्षाएं शैक्षणिक वर्ष में दो चरणों में आयोजित की जाएंगी। पहला चरण फरवरी में होगा और दूसरा चरण मई में।


पहला चरण अनिवार्य: सभी छात्रों के लिए फरवरी में होने वाली पहली परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा।
दूसरा चरण वैकल्पिक: मई में होने वाली दूसरी परीक्षा वैकल्पिक होगी। यह उन छात्रों के लिए है जो अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहते हैं या किसी विषय में कम अंक प्राप्त किए हैं।
सर्वश्रेष्ठ स्कोर मान्य: दोनों परीक्षाओं में से जिस परीक्षा में छात्र का स्कोर बेहतर होगा, उसे अंतिम परिणाम के लिए मान्य माना जाएगा।
विषयों में सुधार का अवसर: छात्र विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं में से किसी तीन विषयों में अपने अंक सुधारने के लिए दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
परिणाम घोषणा: पहले चरण के परिणाम अप्रैल में और दूसरे चरण के परिणाम जून में घोषित किए जाएंगे।
आंतरिक मूल्यांकन: आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) पूरे शैक्षणिक सत्र में केवल एक बार ही किया जाएगा।


नई नीति का उद्देश्य और लाभ
यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की उन सिफारिशों के अनुरूप है जो 'उच्च दांव वाली परीक्षा' (High-Stakes Exam) के दबाव को कम करने और रटने की बजाय अवधारणात्मक समझ (Conceptual Understanding) पर जोर देने की वकालत करती हैं। इस नई प्रणाली से छात्रों को कई लाभ होंगे।

तनाव में कमी: साल में दो बार परीक्षा होने से छात्रों पर एक ही अंतिम परीक्षा के भारी दबाव से मुक्ति मिलेगी।
आत्मविश्वास में वृद्धि: छात्रों को लगेगा कि उनके पास अपनी गलतियों को सुधारने का मौका है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
सतत सीखने को बढ़ावा: यह प्रणाली छात्रों को पूरे साल पढ़ाई करने और सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रहने के लिए प्रोत्साहित करेगी, बजाय इसके कि वे केवल अंतिम परीक्षा से पहले रटना शुरू करें।

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