अयोध्या के पूज्य संत और भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का रीवा में इलाज के दौरान निधन हो गया। सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि। वे राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख स्तंभ थे।
By: Ajay Tiwari
Dec 15, 20254:38 PM
अयोध्या के वशिष्ठ आश्रम से जुड़े पूज्य संत, राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती जी महाराज का 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मध्य प्रदेश के रीवा में इलाज के दौरान उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से अयोध्या समेत पूरे संत समाज और राम भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई है।
डॉ. रामविलास दास वेदांती मध्य प्रदेश के रीवा में प्रवास कर रहे थे और एक रामकथा कार्यक्रम में शामिल थे। 15 दिसंबर 2025 को कार्यक्रम के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। अथक प्रयासों के बावजूद, इलाज के दौरान ही उनका निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को उनके उत्तराधिकारियों द्वारा जल्द ही अयोध्या धाम लाया जाएगा, जहां उन्हें जल समाधि दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपनी श्रद्धांजलि में लिखा कि उनका गोलोकगमन "आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है।" सीएम योगी ने उनके निधन को "एक युग का अवसान" बताया, और धर्म, समाज तथा राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनके त्यागमय जीवन को सभी के लिए प्रेरणा बताया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के मार्गदर्शक पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज के देवलोकगमन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। डॉ. वेदांती पूर्व सांसद और अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वे कहा है कि भगवान श्रीराम दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक संतप्त अनुयायियों को संबल प्रदान करें।
डॉ. रामविलास दास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को हुआ था। वह एक प्रख्यात हिंदू धार्मिक नेता, राम जन्मभूमि आंदोलन के सक्रिय सूत्रधार और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए सक्रिय रूप से कार्य किया और राम मंदिर आंदोलन को जन-जन तक पहुँचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वे 1996 में मछलीशहर और 1998 में प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। वे राम जन्मभूमि न्यास के भी सदस्य थे और 1992 के बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में भी अभियुक्त रहे, हालांकि बाद में बरी हो गए थे।
सांसद होने के अलावा, डॉ. रामविलास दास वेदांती रामकथा और भागवत कथा के एक प्रसिद्ध वक्ता थे। उन्होंने देश-विदेश में हजारों कथाएं कीं और अपने प्रवचनों से लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनका जीवन धर्म और राष्ट्र सेवा को समर्पित रहा और उन्होंने संसद से लेकर सड़क तक राम मंदिर निर्माण की मांग को मजबूती से उठाया। संत समाज और राम भक्तों के लिए उनका जाना एक बड़ा आध्यात्मिक और राजनीतिक नुकसान माना जा रहा है।