दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के आतंक पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा और सख्त आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा-एमसीडी और एनडीएमसी को सभी आवारा कुत्तों को तुरंत उठाकर दूसरे इलाके में भेजें। अगर कोई भी संगठन कुत्तों को जबरदस्ती पकड़ने में बाधा डालता है, तो उसे सुप्रीम कोर्ट की ओर से सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
By: Arvind Mishra
Aug 11, 202552 minutes ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के आतंक पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा और सख्त आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा-एमसीडी और एनडीएमसी को सभी आवारा कुत्तों को तुरंत उठाकर दूसरे इलाके में भेजें। अगर कोई भी संगठन कुत्तों को जबरदस्ती पकड़ने में बाधा डालता है, तो उसे सुप्रीम कोर्ट की ओर से सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर के नागरिक प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिनमें आवारा कुत्तों को पकड़ने, उन्हें जीवाणु रहित करने और उन्हें आश्रय गृह में रखने के निर्देश शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई में अड़ंगा डालता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करें। आवारा कुत्तों के लोगों पर हमलों और रेबीज संक्रमण के कई मामले सामने आने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही है।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि एनसीटी-दिल्ली, एमसीडी, एनएमडीसी तुरंत आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू करें और खासकर उन इलाकों में जहां आवारा कुत्तों का खतरा ज्यादा है। अदालत ने कहा कि आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस काम में आड़े आए तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करें।
पीठ ने कहा कि पांच हजार आवारा कुत्तों को रखने के लिए आश्रय स्थल बनाए गए हैं। इन आश्रय स्थलों में पर्याप्त संख्या में लोगों को तैनात किया जाए, जो आवारा कुत्तों को जीवाणु रहित बनाने और रेबीज के संक्रमण को रोकने के उपाय करें। आवारा कुत्तों को स्टर्लाइज करने के बाद सड़कों या कॉलोनियों में वापस नहीं छोड़ा जाना चाहिए। जनता के हित को ध्यान में रखते हुए वे ये निर्देश दे रहे हैं।
पीठ ने कहा-नवजात, छोटे बच्चे किसी भी कीमत पर इन आवारा कुत्तों के शिकार नहीं बनने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एक हेल्पलाइन स्थापित करने के भी निर्देश दिए। इस हेल्पलाइन पर लोग कुत्तों के काटने की घटनाओं को रिपोर्ट कर सकें। सुप्रीम कोर्ट ने बीती 28 जुलाई को आवारा कुत्तों के हमलों की घटनाओं की मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी।
सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश की सराहना करते हुये मंत्री कपिल मिश्र ने कहा-सुप्रीम कोर्ट का ये ऑर्डर दिल्ली को रेबीज और बेसहारा पशुओं के भय से मुक्ति एक रास्ता दिखाता है। सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार का पशु विभाग सभी एजेंसियों के साथ मिलकर इस आदेश का अध्ययन करके इसको समुचित लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। इस आदेश को समयबद्ध तरीके पूर्णतया लागू करते हुए बेसहारा पशुओं के समुचित कल्याण का विशेष ध्यान भी रखा जाएगा।